जेनेवा : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लंबे समय से कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर चीन पर उंगली उठाते रहे हैं। उनके निशाने पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) पर रहा, जिस पर उन्होंने चीन के साथ साठगांठ करने का आरोप लगाया है। डब्ल्यूएचओ से खफा ट्रंप ने इस वैश्विक स्वास्थ्य संगठन को दिए जाने वाले अनुदान को रोकने की घोषणा भी की है। इस बीच दुनिया के कई देशों ने वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संदर्भ में विश्व स्वास्थ्य संगठन की भूमिका को लेकर निष्पक्ष जांच पर सहमति जताई है।
निष्पक्ष व स्वतंत्र जांच पर जोर
डब्ल्यूएचओ की वार्षिक सभा में भाग लेने वाले देशों ने 'निष्पक्ष, स्वतंत्र और व्यापक मूल्यांकन' का आह्वान करते हुए एक प्रस्ताव को स्वीकार किया। कोरोना संकट के बीच डब्ल्यूएचओ की यह वार्षिक सभा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई थी, जो यह डब्ल्यूएचओ के अब तक के इतिहास में पहली बार है। इसके तहत विश्व स्वास्थ्य संगठन के खिलाफ लग रहे आरोपों की जांच होगी, जिसमें यह भी कहा जा रहा है कि डब्ल्यूएचओ ने इस आपदा को बहुत देरी वैश्विक महामारी घोषित किया।
ट्रंप WHO पर लगाते रहे हैं आरोप
दुनियाभर में कोरोना वायरस के गहराते संकट के बीच डब्ल्यूएचओ के खिलाफ इस लामबंदी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए सांकेतिक जीत के तौर पर देखा जा रहा है, जो न केवल डब्ल्यूएचओ पर चीन के साथ साठगांठ का आरोप लगाते रहे हैं, बल्कि जिन्होंने चीन के कोरोना संक्रमण और इससे हुई मौतों के आंकड़ों पर भी सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि यह संक्रमण चीन के वुहान स्थित एक लैब से निकला। हालांकि इस बारे में अब तक ट्रंप प्रशासन की ओर से कोई साक्ष्य नहीं दिया गया है, जबकि विशेषज्ञों का मानना है कि यह जानलेवा वायरस जानवरों से इंसान में पहुंचा।
समन्वय की होगी समीक्षा
बताया जा रहा है कि कोरोना महामारी को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रतिक्रिया की जांच में वायरस की उत्पत्ति के स्थल जैसे कुछ विवादित मुद्दों को शामिल नहीं किया जाएगा, बल्कि इसका मकसद कोरोना और भविष्य में आने वाले ऐसे अन्य बड़े स्वास्थ्य संकट की स्थिति में इनकी रोकथाम के लिए डब्ल्यूएचओ और अंतरराष्ट्रीय प्रयासों के बीच समन्वय से मिले सबक की समीक्षा करना है।
भारत बना WHO की कार्यकारी बोर्ड का सदस्य
इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यकारी बोर्ड में भारत एक नए सदस्य के तौर पर चयनित हुआ है। डब्ल्यूएचओ के कार्यकारी बोर्ड में सदस्य देशों की ओर से 34 व्यक्तियों को नामित किया जाता है। सदस्य राष्ट्रों का चयन तीन साल के लिए होता है। बोर्ड की बैठक साल में कम से कम दो बार होती है। मुख्य बैठक जनवरी में होती है, जबकि दूसरी बैठक स्वास्थ्य सभा के बाद मई में होती है। कार्यकारी बोर्ड का मुख्य काम स्वास्थ्य सभा के फैसलों व नीतियों का क्रियान्वयन, इसे सलाह देना और इसके कार्यों को आगे बढ़ाना होता है।