वाशिंगटन : अमेरिका में आज (20 जनवरी, बुधवार) नई सरकार का गठन होने जा रहा है, जिसमें जो बाइडेन राष्ट्रपति और कमला हैरिस उपराष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी संभालेंगे। इसके साथ ही राष्ट्रपति के तौर पर डोनाल्ड ट्रंप का कार्यकाल भी समाप्त हो रहा है। सोशल मीडिया पर खूब सक्रिय रहने वाले डोनाल्ड ट्रंप बीते एक सप्ताह से सार्वजनिक तौर पर नजर नहीं आए हैं। ट्विटर पहले ही उन्हें प्रतिबंधित कर चुका है।
डोनाल्ड ट्रंप कई मायनों में अमेरिका के अन्य राष्ट्रपतियों से अलग रहे हैं। बीते साल 3 नवंबर को हुए चुनाव में जो बाइडन की जीत के बाद भी ट्रंप ने लंबे समय तक अपनी हार स्वीकार नहीं की और इसे 'चुराया गया' परिणाम करार देते रहे। वह पहले ही साफ कर चुके हैं कि नई सरकार के शपथ-ग्रहण समारोह में हिस्सा नहीं लेंगे और कार्यकाल खत्म होते ही फ्लोरिडा के लिए रवाना हो जाएंगे। इन सबके बीच आइये जानते हैं, व्हाइट हाउस में आखिर कैसे बीता ट्रंप का आखिरी दिन?
राष्ट्रपति के तौर पर अपने कार्यकाल के आखिरी दिन ट्रंप ने उन लोगों से मुलाकात अधिक वक्त दिया, जो बीते कुछ समय में, खासकर अमेरिकी कांग्रेस में उनके समर्थकों द्वारा किए गए हिंसक प्रदर्शन के बावजूद उनके साथ रहे। ट्रंप के आखिरी फैसलों में यूरोप और ब्राजील की यात्रा पर लगाया गया प्रतिबंध हटाना भी शामिल रहा, जिसे कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लगाया गया था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, राष्ट्रपति की हैसियत से ट्रंप ने अपना कार्यकाल खत्म होने से चंद घंटे पहले 143 लोगों को क्षमादान दिया, जिनमें उनके पूर्व मुख्य रणनीतिकार स्टीव बैनन भी शामिल हैं। बैनन पर उन हजारों निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप था, जिनका मानना था कि उनके पैसों का इस्तेमाल दक्षिणी सीमा पर एक दीवार बनाने के लिए किया जाएगा, लेकिन बैनन ने इन पैसों का इस्तेमाल कथित तौर पर चुनाव अभियान में शामिल एक अधिकारी का वेतन देने और निजी कार्यों के लिए किया।
यहां उल्लेखनीय है कि दक्षिणी सीमा पर दीवार निर्माण ट्रंप के प्रमुख चुनावी वादों में से एक था। बताया जा रहा है कि ट्रंप ने अपने कार्यकाल के आखिरी घंटों में जिन लोगों को आम माफी दी, उनमें ज्यादातर 'व्हाइट-कॉलर' अपराध से जुड़े मामले हैं।
अपने कार्यकाल के आखिरी दिन ट्रंप ने बहरीन के शासक हमद बिन इसा अल-खलीफा को 'लीजन ऑफ मेरिट' अवॉर्ड प्रदान किया। बहरीन स्थित अमेरिकी दूतावास ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि हमद बिन इसा अल-खलीफा को उनकी 'दूरदर्शिता' और अमेरिका के साथ रिश्तों को मजबूत बनाने तथा क्षेत्र में शांति स्थापित करने के प्रयासों के लिए दिया गया है।
यहां उल्लेखनीय है कि 'लीजन ऑफ मेरिट' एक मिलिट्री अवॉर्ड है, जिसे द्वितीय विश्वयुद्ध के सहयोगी देशों को सम्मानित करने के लिए शुरू किया गया था। यहां उल्लेखनीय है कि बीते साल सितंबर में बहरीन ने इजलरायल के साथ अपने कूटनीतिक व व्यापारिक संबंधों को सामान्य बनाने पर सहमति जताई थी। इसे ट्रंप के दामाद जेरर्ड कुश्नर के प्रयासों का नतीजा बताया जाता है, जिन्हें राष्ट्रपति ने अपने प्रशासन में मध्य पूर्व मामलों की विशेष जिम्मेदारी दी थी।