'आई कांट ब्रीद'.... जॉर्ज फ्लॉयड की हत्‍या मामले में अमेरिकी अदालत ने पूर्व पुलिसकर्मी को ठहराया दोषी

अमेरिका में बीते साल एक श्‍वेत पुलिस अधिकारी के हाथों अफ्रीकी मूल के जॉर्ज फ्लॉयड की हत्‍या के मामले ने यहां नस्‍ली भेदभाव को उजागर किया था। अब इस मामले में पुलिस अधिकारी को दोषी ठहराया गया है।

George Floyd's murder case: पूर्व पुलिसकर्मी दोषी, बाइडन बोले- न्‍याय की दिशा में एक कदम
'आई कांट ब्रीद'... फ्लॉयड हत्‍या केस में अमेरिकी अफसर दोषी  |  तस्वीर साभार: AP, File Image

वाशिंगटन : अमेरिका में मिनियापोलिस के पूर्व पुलिस अधिकारी डेरेक चौविन को हेनेपिन काउंटी की अदालत की एक जूरी ने अफ्रीकी-अमेरिकी नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के मुकदमे में सभी तीन आरोपों में दोषी ठहराया है। जॉर्ज फ्यॉयड की मौत मई 2020 को हुई थी। उसका एक वीडियो वायरल हो गया था, जिसमें पुलिस अधिकारी को उसकी गर्दन को घुटने से दबाए देखा गया और फ्लॉयड को 'आई कांट ब्रीद' (मैं सांस नहीं ले पा रहा) कहते सुना गया। फ्लॉयड की मौत ने अमेरिकी समाज में कहीं गहरे समाई नस्‍ली भेदभाव को उजागर किया था।

फ्लॉयड की मौत के बाद अमेरिका में व्‍यापक पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे और इस मसले ने वहां 3 नवंबर, 2020 को हुए अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव को भी गहरे ढंग से प्रभवित किया। फ्लॉयड की मौत के लिए जिम्‍मेदार श्‍वेत पुलिसकर्मी डेरेक चौविन पर सेकंड डिग्री गैर-इरादतन हत्या, थर्ड-डिग्री हत्या और सेकंड डिग्री मानवहत्‍या के मामले में आरोप तय किए गए थे और तीनों मामलों में उसे दोषी ठहराया गया है। 

क्‍या बोले बाइडन?

अमेरिका के राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने अदलत के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हालांकि जॉर्ज फ्लॉयड को इससे वापस नहीं लाया जा सकता, लेकिन यह न्‍याय की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है। यह महत्वपूर्ण बदलाव का क्षण हो सकता है। राष्‍ट्र के नाम अपने संबोधन में उन्‍होंने कहा, 'कोई भी कानून से ऊपर नहीं होना चाहिए। आज का फैसला एक संदेश देता है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। हम यहां नहीं रुक सकते। वास्तव में परिवर्तन और सुधार लाने के लिए हमें उन संभावनाओं को खत्‍म करना होगा, जिसकी वजह से ऐसी त्रासदीपूर्ण घटनाएं होती हैं।'

अमेरिका में सेकंड डिग्री के गैर-इरादतन हत्या के लिए अधिकतम 40 साल की कैद, थर्ड-डिग्री हत्या के लिए अधिकतम 25 साल की कैद और सेकंड डिग्री मानवहत्‍या के लिए अधिकतम सजा 10 साल की कैद और/या 20,000 डॉलर के जुर्माने का प्रावधान है।

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