ओस्लो (नॉर्वे): अमेरिका स्थित रेडियो फ्री एशिया (आरएफए) नाम के संगठन के लिए काम करने वाली पत्रकार गुलछेहरा होजा ने चीन को लेकर बड़ा खुलासा किया है। होजा ने कहा है कि चीन की लेफ्ट सरकार का एकमात्र उद्देश्य उइगर मुस्लिमों की सांस्कृतिक, भाषाई और अन्य पहचान को पूरी तरह खत्म करना है।ओस्लो नाम के मानवाधिकार संगठन के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए होजा ने कहा कि जबसे उन्होंने आरएफए के लिए काम करना शुरू किया है तब से वह अपने घर नहीं लौट सकी हैं। होजा चीन के शिनजियांग में सरकारी टीवी में काम करती थीं लेकिन उइगर मुस्लिमों के खिलाफ चीनी सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियान की वजह से उन्होंने नौकरी छोड़ दी और अमेरिका चले गईं।
बताई अपनी कहानी
अपनी यात्रा के बारे में बात करते हुए होजा ने बताया, 'जब 2001 में मैंने यूरोप की यात्रा की थी तो पहली बार मैंने उइगर मुस्लिमों के अनकही दास्ता के बारे में रेडियो फ्री एशिया में सुना था। मुझे अचानक अपनी जॉब का अहसास हुआ जिसे मैं प्यार करती थी और जिसका पत्रकारिता से भी कुछ नाता था। मुझे अपने ही लोगों के खिलाफ झूठ बोलने को लेकर पछतावा है और मुझे लगता है कि चीनी सरकार ने मेरा इस्तेमाल किया। फिर मैंने निश्चय किया कि मैं बचकर चीन से निकल जाऊं। इसके बाद मैंने रेडियो फ्री एशिया के लिए अमेरिका से काम करना शुरू कर दिया। यह एक दुखभरा निर्णय था जो मैंने अपनी जिदंगी में लिया था क्योंकि मुझे मेरे परिवार ने कहा था कि चीनी सरकार के साथ काम करके मैं अपनी जिंदगी खतरे में डाल रही हूं। इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं कह सकती।'
चीनी सरकार ने मेरे परिजनों को परेशान करना शुरू किया- ओजा
होजा ने कहा कि चीन के 1.8 मिलियन लोगों को चीन ने कैद करके रखा हुआ है। जब चीनी सरकार को पता चला कि मैं अमेरिका में रेडियो कार्यक्रम के लिए कार्य करती हूं तो उन्होंने मेरे दोस्तों और परिजनों को परेशान करना शुरू कर दिया। चीनी अधिकारियों ने मेरिी अमेरिकी स्वतंत्रता को हनन करने का प्रयास किया और मेरे परिजनों को बंधक बना लिया। उन्होंने मुझे मुंह बंद करने की धमकी दी।
उइगरों की पहचान खत्म करना चाहता है चीन
होजा ने बताया कि कैसे चीन लाखों उइगर मुस्लिमों की पहचान खत्म करना चाहता है। होजा ने बताया कि मेरी तरह चीन लाखों उइगरों के खिलाफ भी अत्याचार कर रहा है। चीनी सरकार का एकमात्र लक्ष्य उइगर मुस्लिमों की पहचान और सांस्कृतिक विरासत को पूरी तरह खत्म करना है। होजा ने कहा कि चीन का तानाशाही रवैया पूरी तरह उइगरों को कुचलने पर आमदा है।