काबुल : पाकिस्तान पर अफगानिस्तान में तालिबान राज कायम कराने के आरोप लगते रहे हैं। तालिबान सरकार को मान्यता दिलाने के लिए भी पाकिस्तान एड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है। संकटग्रस्त देश में उसने मानवीय मदद भी पहुंचाई है। लेकिन तालिबान सरकार की कार्यशैली उसे अब परेशान करने लगी है। दरअसल, पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन (PIA) ही एक ऐसी विमानन कंपनी है जो नियमित रूप से काबुल से अंतरराष्ट्रीय उड़ान भरती है। लेकिन अब उसने काबुल से अपनी उड़ानें रोक दी हैं।
अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक पीआईए का कहना है कि विमान परिचालन में तालिबान सरकार के अधिकारियों के बढ़ते दखल के बाद उसने अपनी उड़ानों को काबुल से निलंबित करने का फैसला किया है। रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान सरकार की ओर से गुरुवार को जारी फरमान के बाद पीआईए ने अपनी उड़ानों को बंद करने का निर्णय लिया है। इस आदेश में पीआईए को अपने टिकट के दाम में कटौती करने के लिए कहा गया है। तालिबान सरकार ने कहा है कि गनी सरकार गिरने से पहले पीआईए के टिकट की जो कीमतीं थीं उसे उसी स्तर पर लाना होगा।
पीआईए के प्रवक्ता अब्दुल्ला हाफिज खान ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा, 'काबुल उड्डयन विभाग के अधिकारियों के गैर-पेशेवर रवैये की वजह से हमारी विमानों की उड़ानों में बेवजह की देरी होती है।' प्रवक्ता ने कहा कि काबुल से उड़ानें तब तक बंद रहेंगी जब तक कि स्थितियां अनुकूल नहीं हो जातीं। रिपोर्ट में पीआईए के एक सूत्र के हवाले से कहा गया है कि तालिबान अधिकारी अक्सर 'अभद्र' हो जाते हैं। एक बार उन्होंने विमान के एक कर्मचारी को 'शारीरिक रूप से प्रताड़ित' किया।
बढ़े विमान किराए को लेकर तालिबान पीआईए और अफगानिस्तान की विमान कंपनी कैम एयर को पहले चेतावनी जारी कर चुका है। तालिबान सरकार का कहना है कि विमान कंपनियों का किराया इतना ज्यादा है कि ज्यादातर अफगान नागरिक उसे खरीद नहीं पा रहे हैं। 15 अगस्त के बाद काबुल एयरपोर्ट से उड़ानें बहुत कम हो रही हैं। काबुल के ट्रवैल एजेंट्स के मुताबिक पीआईए का काबुल से इस्लामाबाद का टिकट करीब 2,500 डॉलर में बिक रहा है। पहले इस टिकट की कीमत 120 डॉलर से 150 डॉलर के बीच हुआ करती थी।