पाकिस्‍तान में इमरान खान के खिलाफ विपक्ष का शक्ति प्रदर्शन, सरकार-सेना पर बरसे नवाज शरीफ

दुनिया
Updated Dec 14, 2020 | 00:19 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

पाकिस्‍तान में 11 विपक्षी दलों के गठबंधन ने इमरान खान की सरकार के खिलाफ छठी बार शक्ति प्रदर्शन किया। उन्‍होंने सेना पर राजनीतिक मामलों में दखल देने का आरोप भी लगाया।

पाकिस्‍तान में इमरान खान के खिलाफ विपक्ष का शक्ति प्रदर्शन, सरकार-सेना पर बरसे नवाज शरीफ
पाकिस्‍तान में इमरान खान के खिलाफ विपक्ष का शक्ति प्रदर्शन, सरकार-सेना पर बरसे नवाज शरीफ  |  तस्वीर साभार: ANI

इस्‍लामाबाद : पाकिस्‍तान में प्रधानमंत्री इमरान खान पर इस्‍तीफे का दबाव लगातार बढ़ रहा है। विपक्षी पार्टियां मौजूदा सरकार को 'कठपुतली' करार देते हुए इमरान खान को सत्‍ता से हटाने की मांग कर रही हैं। इसी सिलसिले में 11 पार्टियों के गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) के नेताओं ने रविवार (13 दिसंबर) को ऐतिहासिक मीनार-ए-पाकिस्तान में रैली की, जहां हजारों की तादाद में लोग पहुंचे। इस रैली को नवाज शरीफ ने भी वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित किया।

इमरान खान, सेना पर बरसे नवाज शरीफ

रैली को संबोधित करते हुए नवाज शरीफ ने इमरान खान पर तीखे वार किए। उन्‍होंने सवाल किया कि सरकार की विफलता के लिए आखिर कौन जिम्‍मेदार है? 'डॉन' के मुताबिक, पाकिस्‍तान के पूर्व पीएम ने कहा कि सच बोलना गुनाह हो गया है। उन्‍होंने यह भी कहा कि वह पाकिस्‍तान की अवाम के लिए संघर्ष कर रहे हैं और उनका नैरेटिव वही है, जो मोहम्‍मद अली जिन्‍ना का था। इस दौरान वह पाकिस्‍तान की सेना पर भी बरसे और उन पर राजनीतिक मामलों में दखल देने का आरोप लगाया।

रैली में हजारों की तादाद में लोग शामिल हुए, जिन्‍होंने गठबंधन के नेताओं मौलाना फजलुर रहमान, मरयम नवाज, बिलावल भुट्टो जरदारी के यहां पहुंचने पर उत्‍साह के साथ उनका स्‍वागत किया। रैली को सफल बताते हुए मरयम नवाज ने कहा कि जो लोग इस जनसभा में लोगों के पहुंचने को लेकर सवाल उठा रहे थे, उन्‍हें आकर यहां जनता के उत्‍साह को देखना चाहिए। रैली को पाकिस्‍तान पीपुपल्‍स पार्टी (पीपीपी) के अध्‍यक्ष बिलावल भुट्टो और अन्य नेताओं ने भी संबोधित किया।

विपक्ष की रैली पर क्‍या बोले इमरान खान?

इमरान सरकार के खिलाफ यह विपक्षी दलों का छठा शक्ति प्रदर्शन रहा। वहीं इमरान खान ने विपक्षी दलों की रैली पर निराशा जाहिर करते हुए कहा कि कोविड काल में इस तरह के आयोजन से इन लोगों ने आम जनता को जोखिम में डालने का काम किया है। विपक्षी पार्टियां यह सब उन पर नेशनल रिकॉन्सिलिएशन ऑर्डिनेंस (NRO) देने का दबाव बनाने के लिए कर रही हैं, ताकि वे अपनी लूट की संपत्तियों को बचा सकें। लेकिन वह NRO कभी नहीं देंगे।

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