- चावल निर्यात प्रतिबंध की आशंकाओं के बीच बांग्लादेश ने बड़ा कदम उठाया।
- गैर-बासमती चावल के आयात पर बांग्लादेश ने 22 जून को एक नोटिफिकेशन जारी की।
- बांग्लादेश आमतौर पर सितंबर से अक्टूबर में चावल का आयात करना शुरू करता है।
नई दिल्ली। देश में बढ़ती महंगाई और गेहूं की बढ़ती कीमत के बीच अब भारतीयों को एक और झटका लगा है। देश में चावल की कीमत (Rice price) में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है। डोमेस्टिक और ग्लोबल दोनों बाजारों में पिछले पांच दिनों में चावल की कीमत 10 फीसदी बढ़ गई है। दरअसल पड़ोसी देश बांग्लादेश की वजह से भारत में चावन महंगा हुआ है। बांग्लादेश आमतौर पर अपनी चावल की जरूरतों को भारत से खरीदकर पूरा करता है।
इसलिए महंगा हो रहा है चावल
रिपोर्ट्स के अनुसार इन दिनों बांग्लादेश में चावल की किल्लत हो गई है। ऐसे में वहां चावल काफी महंगा होता जा रहा है। महंगाई पर लगाम लगाने के लिए पड़ोसी देश की सरकार ने भारत से चावल का आयात बढ़ाने के लिए ड्यूटी कम करने का फैसला लिया। बांग्लादेश सरकार ने चावल के आयात पर इंपोर्ट ड्यूटी और टैरिफ को 62.5 फीसदी से कम करके 25 फीसदी कर दिया है।
पांच दिनों में इतना बढ़ा दाम
राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बीवी कृष्ण राव ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि, 'पिछले पांच दिनों में, भारतीय गैर-बासमती चावल की कीमत वैश्विक बाजारों में 350 डॉलर प्रति टन से बढ़कर 360 डॉलर प्रति टन हो गई है। बांग्लादेश से खबर आने के बाद ऐसा हुआ है।'
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पड़ोसी राष्ट्र ने 22 जून को एक अधिसूचना जारी की, जो 31 अक्टूबर तक गैर-बासमती चावल के आयात की अनुमति देती है। यह पहली बार है जब बांग्लादेश ने इतनी जल्दी भारत से चावल का आयात करना शुरू कर दिया है। चावल निर्यात प्रतिबंध की आशंकाओं के बीच ऐसा किया जा रहा है।
पश्चिम बंगाल, यूपी, बिहार में चावल की कीमत
तिरुपति कृषि ट्रेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सूरज अग्रवाल ने बताया कि, 'चावल की कीमत पहले ही 10 फीसदी बढ़ चुकी है और अभी भी बढ़ रही हैं। बांग्लादेश आमतौर पर पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और बिहार से चावल खरीदता है। इन तीन राज्यों में, चावल की आम किस्म की कीमत 20 फीसदी बढ़ी है। इन तीन राज्यों में कीमत में वृद्धि से अन्य क्षेत्रों में भी चावल की कीमत पर प्रभाव पड़ा है, जहां यह 10 फीसदी तक बढ़ गई है।'