- दिल्ली से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचलन बंद कर दिया गया है
- दिल्ली से आखिरी तीन श्रमिक स्पेशल ट्रेन 31 मई को चलाई गईं
- देशभर में प्रतिदिन 100 ट्रेनें चलाकर प्रवासी मजदूरों को गंतव्य स्थान तक पहुंचा गया
नई दिल्ली : कोरोना वायरस को रोकने लिए लागू किए गए लॉकडाउन के बाद दूसरे राज्यों में काम करने वाले प्रवासी मजदूर काम बंद होने और रहने खाने की दिक्कतों की वजह से अपने गृह प्रदेश की ओर पैदल, साइकिल, रिक्शा या जिसे जो साधन मिला उसके जरिए निकल पड़े। मजदूरों की परेशानी को लेकर आवाज उठने लगी तब सरकार ने एक मई से से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन शुरू किया। प्रति दिन 100 ट्रेनें चलाकर उनके घर पहुंचाए गए। अब दिल्ली से इस स्पेशल ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक रेल अधिकारी ने बताया कि सरकार की ओर से अब कोई नई मांग नहीं होने के कारण दिल्ली से श्रमिक विशेष ट्रेनों का संचालन समाप्त किया जाता है। अधिकारी ने बताया कि एक मई से दिल्ली के रेलवे स्टेशनों से 242 ट्रेन चलाई गईं, 101 उत्तर प्रदेश गईं, 111 ट्रेन बिहार पहुंची। रेलवे ने कहा कि दिल्ली से आखिरी तीन श्रमिक ट्रेन 31 मई को संचालित हुईं, आनंद विहार-पूर्णिया, आनंद विहार-भागलपुर, हजरत निजामुद्दीन-महोबा ट्रेन थीं। रेलवे अधिकारी ने कहा कि अगर दिल्ली सरकार की ओर से नए सिरे से मांग आती है तो श्रमिक विशेष ट्रेन चलाई जाएगी।
एक मई से इस बुधवार तक रेलवे ने 4197 श्रमिक ट्रेन चलाई
एक मई से इस बुधवार तक रेलवे ने 4197 श्रमिक ट्रेन चलाई। उनमें से 4116 ट्रेन अपनी यात्री पूरी कर चुकी हैं जबकि 81 रास्ते में थीं। अब केवल 10 और श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलने वाली है। विभिन्न स्थानों पर फंसे प्रवासी कामगारों, तीर्थ यात्रियों, पर्यटकों, विद्यार्थियों और अन्य लोगों की विशेष ट्रेनों द्वारा आवाजाही के संबंध में गृह मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के क्रम में भारतीय रेलवे 1 मई, 2020 से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन कर रही है।
3 जून तक 58 लाख से ज्यादा प्रवासियों को पहुंचाया गया
3 जून, 2020 तक देश भर में विभिन्न राज्यों से कुल 4,197 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया जा चुका है। सुबह 09.00 बजे तक 81 ट्रेनें संचालन में थीं। अभी तक 34 दिनों में श्रमिक ट्रेनों के माध्यम से 58 लाख से ज्यादा प्रवासियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा चुका है। ये 4,197 ट्रेनें विभिन्न राज्यों से रवाना हुईं। शीर्ष 5 राज्य इस प्रकार हैं, जहां से सबसे ज्यादा ट्रेनें रवाना हुईं- गुजरात (1026 ट्रेन), महाराष्ट्र (802 ट्रेन), पंजाब (416 ट्रेन), उत्तर प्रदेश (294 ट्रेन) और बिहार (294 ट्रेन)। इन श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का देश के विभिन्न राज्यों में जाकर परिचालन समाप्त हुआ। शीर्ष पांच राज्य इस प्रकार हैं, जहां सबसे ज्यादा ट्रेनों का परिचालन समाप्त हुआ- उत्तर प्रदेश (1682 ट्रेन), बिहार (1495 ट्रेन), झारखंड (197 ट्रेन), ओडिशा (187 ट्रेन), पश्चिम बंगाल (156 ट्रेन)।