- क्रिकेट इतिहास में 28 मार्च का दिन बेहद स्पेशल है
- 28 मार्च को भारतीय क्रिकेटर पॉली उमरीगर का जन्म हुआ था
- 28 मार्च को विव रिचर्ड्स ने इंग्लैंड के खिलाफ यादगार पारी खेली थी
नई दिल्ली: क्रिकेट इतिहास में 28 मार्च का दिन बेहद स्पेशल है। इस दिन इतने बड़े-बड़े कारनामे हुए है कि क्रिकेट फैंस इसे शायद ही भुला पाएं। क्रिकेट इतिहास हम यहां इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इस दिन 1955 से कुछ न कुछ अनोखा घटते आया है। क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है और यह दिन इसे बखूबी साबित भी करता है।
28 मार्च को क्रिकेट जगत ने विव रिचर्ड्स की उम्दा पारी देखी तो न्यूजीलैंड का टेस्ट में सबसे कम स्कोर पर ऑलआउट होना भी देखा। भारत के महान खिलाड़ी पॉली उमरीगर के जन्म से लेकर रिकी पोंटिंग के कप्तानी का राज खत्म होने तक 28 मार्च ने क्रिकेट जगत को बहुत कुछ दिखाया। आज ऐसी ही 11 बड़े कारनामों का लेखा-जोखा हम आपके सामने पेश कर रहे हैं।
चलिए गौर करते हैं
- 1955- टेस्ट क्रिकेट का सबसे छोटा स्कोर। आज के जमाने में जब क्रिकेट इतना प्रतिस्पर्धी हो चुका है तब भी उम्मीद नहीं की जा सकती कि कोई न्यूजीलैंड के 26 रन पर ऑलआउट होने के शर्मनाक रिकॉर्ड को कभी तोड़ पाएगा। इंग्लैंड के खिलाफ न्यूजीलैंड की टीम केवल 26 रन पर ऑलआउट हुई, जो लेन हटन का आखिरी टेस्ट भी साबित हुआ। यह मैच ऑकलैंड में खेला गया था जहां न्यूजीलैंड ने पहले बल्लेबाजी की और उसकी पहली पारी 200 रन पर ऑलआउट हुई थी। इंग्लैंड ने जवाब में 246 रन बनाए। न्यूजीलैंड की दूसरी पारी केवल 26 रन पर ढेर हो गई और इंग्लैंड ने मैच एक पारी व 20 रन से अपने नाम किया। यह टेस्ट क्रिकेट का अब तक का सबसे कम स्कोर है।
- विव रिचर्ड्स (1981) - विव रिचर्ड्स अपने घर में इंग्लैंड के खिलाफ पहला टेस्ट खेल रहे थे जहां उन्होंने शानदार 114 रन बनाए थे। विव की पारी इतनी धांसू थी कि उन्होंने 90 रन केवल बाउंड्री से बनाए थे। इंग्लैंड ने वर्षाबाधित यह मुकाबला ड्रॉ कराने में सफलता हासिल की थी। इसी मैच में ज्योफ बॉयकॉट ने अपना 20वां टेस्ट शतक भी पूरा किया था। मगर विव की पारी सब पर पड़ी थी भारी।
- लसिथ मलिंगा - श्रीलंका के तेज गेंदबाज ने 2007 विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ लगातार चार गेंदों में चार विकेट चटकाए थे। दक्षिण अफ्रीका 210 रन के लक्ष्य का पीछा कर रही थी और उसके पांच विकेट शेष थे। 45वां ओवर करने आए लसिथ मलिंगा। उन्होंने पहले शॉन पोलक को धीमी गति की गेंद डालकर आउट किया। अगली गेंद पर एंड्रयू हॉल को यॉर्कर डालकर अपना शिकार बनाया। अगले ओवर में चामिंडा वास ने केवल 1 रन खर्च किया। फिर मलिंगा ने जैक्स कैलिस को विकेटकीपर के हाथों कैच आउट कराकर अपनी हैट्रिक पूरी की। अगली गेंद पर उन्होंने मखाया नतिनी को यॉर्कर डालकर क्लीन बोल्ड किया। रॉबिन पीटरसन ने दक्षिण अफ्रीका को रोमांचक मैच में जीत दिलाई।
- नासिर हुसैन - इंग्लैंड के सबसे सफल और चालाक कप्तानों में से एक नासिर हुसैन का 28 मार्च 1968 को जन्म हुआ। नासिर ने जब टीम की कमान संभाली तब इंग्लैंड का हाल काफी बिगड़ा हुआ था। हुसैन ने अगले 18 महीनों में तख्ता पलट दिया। उन्हें माइक बियरले के बाद सबसे शानदार कप्तान करार दिया गया। नासिर हुसैन ने अपनी कप्तानी में इंग्लैंड को ऑस्ट्रेलिया पर यादगार जीत दिलाई। उनके इशारे क्रिकेट फैंस को काफी पसंद आते थे। हुसैन ने 2004 में क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लिया। अब वह कमेंटेटर की भूमिका निभा रहे हैं।
- पोली उमरीगर - 28 मार्च 1926 को भारत के सर्वकालिक महान बल्लेबाजों में से एक पोली उमरीगर का जन्म हुआ। आमतौर पर तीसरे या पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने वाले उमरीगर शानदार कट और ड्राइव खेलने के लिए जाने जाते थे। सुनील गावस्कर से पहले बल्लेबाजी के अधिकांश रिकॉर्ड भारतीयों में उमरीगर ने अपने नाम कर रखे थे। उमरीगन ने पाकिस्तान और इंग्लैंड के खिलाफ बैक टू बैक तीन शतक जमाए थे। वह सफल मध्यम तेज गति के गेंदबाज भी थे। उमरीगर ने बॉम्बे को पांच लगातार रणजी ट्रॉफी खिताब 1958-59 से 1962-63 तक दिलाए। 2006 में 80 वर्ष की आयु में पोली उमरीगर ने अंतिम सांस ली।
- रिकी पोंटिंग - 28 मार्च 2011 को रिकी पोंटिंग ने ऑस्ट्रेलियाई कप्तानी से इस्तीफा दिया था। पोंटिंग ने 9 साल ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी की और दुनिया के सबसे सफल कप्तानों में से एक बने। टीम इंडिया के हाथों 2011 विश्व कप के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में शिकस्त के बाद पोंटिंग ने कप्तानी छोड़ने का फैसला किया। पोंटिंग ने 77 टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया का नेतृत्व किया, जिसमें से 48 में जीत हासिल की। यह दुनिया में सबसे ज्यादा टेस्ट जीतने का कप्तानी रिकॉर्ड है। इसके अलावा पोंटिंग ने 228 वनडे में कंगारुओं का नेतृत्व किया और 164 मैचों में जीत दिलाई, जिसमें 2003 और 2007 विश्व कप शामिल है।
- यूनिस खान - पाकिस्तान ने बैंगलोर में 2005 में भारत के खिलाफ यादगार जीत दर्ज करके सीरीज ड्रॉ कराई थी। यूनिस खान ने 267 रन की पारी खेली थी, जो भारत में किसी भी विदेशी बल्लेबाज द्वारा सर्वश्रेष्ठ स्कोर था। उन्होंने इंजमाम उल हक (184) के साथ 324 रन की साझेदारी की थी। वीरेंद्र सहवाग के दोहरे शतक ने कुछ उम्मीद सीरीज में जगाई, लेकिन उनके आउट होते ही सबकुछ खत्म हो गया। पाकिस्तान ने 168 रन से मैच जीता था।
- एलेक्स मोइर - 28 मार्च 1951 को न्यूजीलैंड के लेग स्पिनर एलेक्स मोइर ने लगातार दो ओवर डाले थे। उन्होंने टी टाइम से पहले और फिर टी टाइम खत्म होने के बाद का ओवर डाला था। यह इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच सीरीज का दूसरा टेस्ट था। 1921 में ओल्ड ट्रैफर्ड में वारविक आर्मस्ट्रांग ने ऐसा कमाल किया था, जिसके 30 साल बाद मोइर ने इसे दोहराया था।
- अशोका डी सिल्वा - 28 मार्च 1956 को श्रीलंका के अंपायर अशोका डी सिल्वा का जन्म हुआ था। उन्होंने श्रीलंका का 10 टेस्ट में प्रतिनिधित्व किया, जिसमें उनकी गेंदबाजी औसत बहुत खराब रही। इसके बाद अशोका डी सिल्वा ने अंपायरिंग की। डी सिल्वा को आईसीसी के एलीट पैनल में शामिल किया गया। 2011 में विश्व कप में खराब प्रदर्शन के बाद अशोका डी सिल्वा को एलीट पैनल से हटा दिया गया।
- अता उर रहमान - 28 मार्च 1975 को पाकिस्तान के अता उर रहमान का जन्म हुआ। 1992 में 17 साल की उम्र में अता उर रहमान इंग्लैंड दौरे पर गए और काफी सुर्खियां बटोरी। बहरहाल, पाकिस्तान के लिए रहमान ने 13 टेस्ट खेले, लेकिन इन सब पर पानी फिर गया क्योंकि वह मैच फिक्सिंग स्कैंडल में शामिल पाए गए। 2000 में रहमान पर आजीवन प्रतिबंध लगा। आईसीसी ने बाद में रहमान पर से प्रतिबंध हटाया और वह मई 2007 से खेलने के लिए आजाद हो गए।