- डेब्यू पर गोबो एश्ले ने किया था ऐतिहासिक प्रदर्शन
- पहले टेस्ट की पहली पारी में मचाया धमाल लेकिन फिर कभी नहीं खेला
- दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट का खोया हुआ सितारा
रिकॉर्ड्स और आंकड़ों के खेल- क्रिकेट में आप कैसी शुरुआत करते हैं ये बहुत मायने रखता है। खासतौर पर जब कोई खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने उतरा हो। सालों पहले का क्रिकेट हो, या फिर आज के दिनों का क्रिकेट, अगर आपको देश से खेलने का मौका मिला है तो पहले मौके का फायदा उठाना ही सबसे बड़ा काम होता है। जिसने पहले मैच में प्रभाव छोड़ा, उसको दोबारा या उससे ज्यादा मौके मिल जाते हैं। लकिन क्या यही हकीकत है? दरअसल, एक खिलाड़ी ने आज के दिन इतिहास रचा था, लेकिन उसके साथ उल्टा हुआ।
हम बात कर रहे हैं 1889 में इंग्लैंड के दक्षिण अफ्रीका दौरे से जुड़ी। उस टेस्ट सीरीज में दूसरा टेस्ट मैच केपटाउन में खेला गया था। मैच में दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों ने जो किया, वो बेहद शर्मनाक था और आज भी दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट जगत उसको भुला नहीं सका होगा। लेकिन उससे भी चौंकाने वाली बात ये थी कि मैच के बाद खराब प्रदर्शन के लिए एक ऐसे खिलाड़ी को सजा मिली जो इस मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका का 'हीरा' भी साबित हुआ और 'हीरो' भी।
वो लाजवाब टेस्ट डेब्यू
उस मैच में इंग्लैंड की टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था। इंग्लैंड की तरफ से उनके ओपनर बॉबी एबेल ने शतक जड़ा और 120 रनों की बेहतरीन पारी खेली। लेकिन इसके बावजूद पूरी इंग्लिश टीम 292 रन पर ढेर हो गई। इसकी वजह बने दक्षिण अफ्रीका के लिए पहली बार खेलने उतरे गोबो एश्ले। इस गेंदबाज ने 24 मार्च को अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की पहली ही पारी में इतिहास रचा। उन्होंने 43.1 ओवर में कुल 95 रन लुटाए और 7 विकेट झटक लिए। इस दौरान उन्होंने 18 मेडन ओवर भी फेंके।
47 और 43 पर आउट
इसके बाद जब दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज जवाब देने उतरे तो क्रिकेट इतिहास के सबसे शर्मनाक प्रदर्शन में से एक देखने को मिला। दक्षिण अफ्रीकी टीम अपने ही मैदान पर पहली पारी में कुल 47 रन बनाकर ढेर हो गई। इस पारी में उनका सिर्फ एक खिलाड़ी दहाई का आंकड़ा पार कर सका। इंग्लैंड के दिग्गज गेंदबाज जॉनी ब्रिग्स ने 7 विकेट लिए।
इसके बाद इंग्लैंड ने दक्षिण अफ्रीका को फॉलोऑन खेलने पर मजबूर किया और इस बार दक्षिण अफ्रीकी टीम 43 रन पर ढेर हो गई। यहां भी जॉनी ब्रिग्स ने कहर ढाते हुए 8 विकेट झटके। फिर से दक्षिण अफ्रीका का सिर्फ एक खिलाड़ी दहाई का आंकड़ा पार कर सका और उन्होंने दो दिन में पारी और 202 रन से मैच गंवा दिया।
मैच के बाद चौंकाने वाली खबर सामने आई
इस मुकाबले के बाद दक्षिण अफ्रीकी चयनकर्ताओं ने जिस खिलाड़ियों पर एक्शन लिया उनमें गोबो एश्ले का नाम भी शामिल था। अपनी पहली ही पारी में 7 विकेट लेने वाले एश्ले ने दोबारा कोई टेस्ट मैच नहीं खेला, उनके करियर का एकमात्र टेस्ट मैच यही था। इसके बाद एश्ले ने तीन प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैच खेले जिस दौरान उन्होंने 13 विकेट भी लिए। लेकिन वो कभी टेस्ट टीम में दोबारा नजर नहीं आए।
गोबो एश्ले दक्षिण अफ्रीका की तरफ से टेस्ट डेब्यू पारी में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी थे। उनका रिकॉर्ड दशकों तक बना रहा, जब तक 1996 में लांस क्लूसनर ने कोलकाता में भारत के खिलाफ अपनी पहली पारी में 64 रन देकर 8 विकेट लिए।