- बिशन सिंह बेदी ने एडिलेड में भारत के शर्मनाक प्रदर्शन को अनचाही आपदा करार दिया है
- उन्होंने भारतीय बल्लेबाजों के प्रति सहानुभूति जताई है
- बेदी ने कहा ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को मिलना चाहिए ऐसे प्रदर्शन का श्रेय
नई दिल्ली: पूर्व भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी ने आस्ट्रेलिया के हाथों डे-नाइट टेस्ट में आठ विकेटों से मिली भारत की हार को अनचाही आपदा बताया है। उन्होंने साथ ही इस जीत का श्रेय मेजबान टीम की शानदार गेंदबाजी को दिया है। ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर अपनी बेहतरीन गेंदबाजी से भारतीय टीम ने जो विजयी उम्मीद जगाई थी उसे बल्लेबाजों ने तहस-नहस कर दिया। एडिलेड ओवल मैदान पर खेले गए पहले टेस्ट मैच के तीसरे दिन शनिवार को ही मेजबान ऑस्ट्रेलिया ने भारत को आठ विकेट से हरा चार मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त ले ली है।
36 रन पर आउट होना है अनचाही आपदा
बेदी ने शनिवार को आईएएनएस से कहा, '36 रन पर आलआउट होना पूरी तरह से अनचाही आपदा है। इसकी व्याख्या नहीं की जा सकती। प्रत्येक अच्छी गेंद ने विकेट हासिल की। ध्यान रहे, भारतीयों ने अपने विकेट नहीं फेंके। गेंद किनारा ले रही थी और और विकेट मिल रहे थे। यह क्रिकेट की उन चीजों में से एक है जो हो सकती है और ऐसा ही हुआ है। आप इसे स्वीकार कर चुके हैं।'
बल्लेबाजों के साथ है मेरी सहानुभूति
उन्होंने कहा, 'मेरी सहानुभूति भारतीय टीम के साथ है। लेकिन ऑस्ट्रेलियाई टीम वास्तव में हावी थी और भारतीय बल्लेबाजी क्रम को तहस नहस कर दिया। उन्होंने (बल्लेबाजों के करीब) गेंदबाजी करके भारतीयों को चौंका दिया और गेंद थोड़ा लहरा रही थी। उन्होंने शॉर्ट गेंदें नहीं की।'
गुलाबी गेंद से खेला गया यह डे-नाइट टेस्ट मैच भारत के लिए भूलने वाला रहा। पहली पारी में कप्तान विराट कोहली के 74 रनों की बदौलत किसी तरह मेहमान टीम ने 244 रन बनाए। फिर वह ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में 191 रनों पर ही समेट दूसरी पारी में 53 रनों की बढ़त के साथ उतरी।
दूसरी पारी में भारत 36 रन ही बना पाई जो टेस्ट की एक पारी में उसका न्यूनतम स्कोर है। मोहम्मद शमी को कमिंस की गेंद लगी और वह रिटायर्ड हर्ट हो गए। इसी के साथ 36 रनों पर भारतीय पारी समाप्त हो गई।
कंगारू गेंदबाजों को देना चाहिए श्रेय
74 साल के बेदी ने परिस्थितियों का फायदा उठाने के लिए आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की तारीफ की। जोश हेजलवुड ने पांच और पैट कमिंस ने चार विकेट लिए। बेदी ने कहा, 'शानदार गेंदबाजी आक्रमण के लिए आपको ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को इसका श्रेय देना चाहिए। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने अच्छी गेंदबाजी की और सभी अच्छी गेंदों पर विकेट लिए। हमारे अधिकांश लड़के लहराती हुई गेंद के खिलाफ खेलते हुए पाए गए। खासकर तब जब आपको सलामी जोड़ी से अच्छी शुरूआत नहीं मिलती है और आप संघर्ष करते हैं।'