नई दिल्लीः जब भी क्रिकेट इतिहास में तेजतर्रार गेंदबाजों की बात होगी, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व पेसर ब्रेट ली (Brett Lee) का नाम हमेशा लिया जाता रहेगा। एक ऐसा गेंदबाज जिसने लंबे समय तक हर फॉर्मेट में विरोधी बल्लेबाजों की परीक्षा ली। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इस गेंदबाज ने कई बार ऐतिहासिक प्रदर्शन किया लेकिन टी20 क्रिकेट में एक ऐसा मैच रहा जो क्रिकेट फैंस कभी नहीं भूल सकेंगे और ब्रेट ली उसको कभी याद करना नहीं चाहेंगे। वो मैच छह साल पहले आज ही के दिन (28 जनवरी) खेला गया था।
हम बात कर रहे हैं ऑस्ट्रेलिया के लोकप्रिय टी20 टूर्नामेंट बिग बैश लीग (बीबीएल) की। बीबीएल के 2015 संस्करण के फाइनल मुकाबले में पर्थ स्कॉर्चर्स और सिडनी सिक्सर्स की टीमें आमने-सामने थीं। मुकाबला ऑस्ट्रेलिया की राजधानी कैनबरा में खेला जा रहा था। उस मैच के अंतिम ओवर में जो कुछ हुआ उसने मैच को टी20 क्रिकेट के सबसे रोमांचक मैचों में से एक बना दिया।
सिडनी सिक्सर्स ने पहले बैटिंग की
उस फाइनल मैच में सिडनी की टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। मोइसिस हेनरीक्स (57 गेंदों पर 77 रन) की धुआंधार पारी के दम पर सिडनी की टीम ने 20 ओवर में 5 विकेट गंवाकर 147 रनों का स्कोर खड़ा किया। अब पर्थ की टीम को जीत के लिए 148 रनों की जरूरत थी।
पर्थ की शानदार शुरुआत लेकिन लड़खड़ाई पारी
जवाब देने उतरी पर्थ की टीम ने अच्छी शुरुआत की। उसके दोनों ओपनर्स ने पहले विकेट के लिए 70 रनों की साझेदारी की। ओपनर शॉन मार्श ने 73 रनों की बेहतरीन पारी खेली। इस साझेदारी के टूटने के बाद अचानक उनकी पारी लड़खड़ा गई और 4 विकेट गिर चुके थे। मैच अंतिम ओवर में जा पहुंचा जहां पर्थ की टीम को खिताबी जीत के लिए सिर्फ 8 रनों की जरूरत थी।
ब्रेट ली का वो अंतिम ओवर
आखिरी ओवर में गेंद ब्रेट ली के हाथों में दी गई। मुकाबला कड़ा होने की उम्मीद थी लेकिन पर्थ के पास अभी काफी विकेट बाकी थे और उनको सिर्फ 8 रनों की जरूरत थी। लेकिन इसके बाद जो कुछ हुआ वो हैरतअंगेज था.. ऐसा रहा था अंतिम ओवर..
पहली गेंद - बल्लेबाज केरबेरी ने शानदार चौका जड़ दिया। अब पर्थ को जीत के लिए 5 गेंदों में 4 रन चाहिए।
दूसरी गेंद - केरबेरी ने इस बार 2 रन लिए। अब पर्थ को 4 गेंदों में 2 रन चाहिए।
तीसरी गेंद - इस बार केरबेरी ने 1 रन लिया। स्कोर बराबर हुए यानी अब पर्थ को 3 गेंदों में जीत के लिए सिर्फ 1 रन चाहिए।
चौथी गेंद - ब्रेट ली ने किया कमाल, नाथन कूल्टर-नाइल को बोल्ड किया। अब भी पर्थ को 2 गेंदों में 1 रन चाहिए।
पांचवीं गेंद - कमाल की गेंद, पहली ही गेंद पर बोल्ड हुए सैम वाइटमैन। पर्थ को अब भी चैंपियन बनने के लिए 1 गेंद पर 1 रन चाहिए।
छठी गेंद - सभी फील्डर पिच के करीब आए। स्ट्राइक पर मौजूद बल्लेबाज यासिर अराफात ने किसी तरह ब्रेट ली की गेंद को मिडविकेट की ओर खेला। बल्लेबाज ने एक रन के लिए दौड़ लगा दी। गेंद फील्डर के पास पहुंच गई थी और उसने गेंदबाजी छोर पर समय पर थ्रो भी कर दिया। वहां हेनरीक्स खड़े गेंद का इंतजार कर रहे थे। थ्रो सीधा उनके हाथों में आया, बल्लेबाज अब तक रन पूरा नहीं कर पाया था लेकिन वो गेंद को पकड़ नहीं पाए और बल्लेबाज का रन पूरा हो गया। पर्थ ने मैच और खिताब जीत लिया।
ये है उस अंतिम ओवर का वीडियो
जिस मोइसिस हेनरीक्स के अर्धशतक की वजह से सिडनी की टीम ने 147 रनों का स्कोर खड़ा किया था, उसी की एक छोटी सी चूक की वजह से मैच और खिताब, दोनों सिडनी सिक्सर्स के हाथों से निकल गया। लेकिन ये तो मानना पड़ेगा कि ब्रेट ली ने उस एक ओवर में दिखा दिया था कि उनकी गेंदबाजी के सामने 1 रन बनाना भी बेहद मुश्किल काम था।