इंग्लैंड की टीम श्रीलंका को हराने के बाद अब भारत दौरे पर आ चुकी है। भारत और इंग्लैंड की प्रतिद्वंद्विता बहुत पुरानी है और दोनों टीमों के बीच कई बार कड़ी टक्कर हो चुकी है। अंग्रेजों ने भारत पर सालों तक राज किया और उन्हीं से भारत को क्रिकेट मिला। जब देश ने आजादी हासिल कर ली तो उसके बाद भारत ने अपनी क्रिकेट टीम को मजबूत बनाना शुरू किया और फिर आजादी के 5 साल बाद 1952 में भारत ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी पहली जीत दर्ज की और वो जीत अंग्रेजों के खिलाफ ही थी।
इंग्लैंड की टीम 1952 में भारत दौरे पर आई हुई थी। भारतीय क्रिकेट टीम की कमान विजय हजारे के हाथों में थी जबकि इंग्लैंड के कप्तान थे डोनाल्ड कार्र। पांच मैचों की उस सीरीज के चार मुकाबले हो चुके थे। इंग्लैंड एक मैच जीत चुका था और भारतीय टीम सीरीज में 0-1 से पीछे थी। पांचवां टेस्ट मद्रास में आयोजित हुआ था जिसमें भारतीय टीम ने ना सिर्फ जीत दर्ज करके इतिहास रचा बल्कि सीरीज ड्रॉ भी करवा ली।
इंग्लैंड ने टॉस जीता, वीनू मांकड़ का कहर
मैच में इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया और पहली पारी में भारतीय गेंदबाजों ने इंग्लिश टीम को 266 रनों पर समेट दिया। इंग्लैंड की तरफ से जैक रॉबर्टसन ने सर्वाधिक 77 रन बनाए। जबकि भारत की तरफ से वीनू मांकड़ ने ऐतिहासिक गेंदबाजी की और 55 रन देकर अकेले 8 विकेट चटका दिए।
भारत बल्लेबाजी करने उतरा, उमरीगर और पंकज रॉय गरजे
भारतीय टीम पहली पारी में जवाब देने उतरी और भारत ने शानदार बैटिंग करते हुए 9 विकेट पर 457 रनों का विशाल स्कोर खड़ा करके पारी घोषित कर दी। भारत ने बड़ी बढ़त हासिल कर ली और इसका श्रेय गया पंकज रॉय और पॉली उमरीगर को। पंकज रॉय ने 111 रनों की पारी खेली जबकि पॉली उमरीगर अंत तक टिके रहे और उन्होंने नाबाद 130 रनों की पारी खेली।
दूसरी पारी में इंग्लैंड पूरी तरह ध्वस्त, भारत जीता
जब इंग्लैंड की टीम दूसरी पारी में पिच पर उतरी तो इस बार भारतीय गेंदबाजों ने उनको पूरी तरह से पस्त कर दिया। इंग्लैंड की टीम 75.5 ओवर में 183 रनों पर सिमट गई और दोबारा भारत को बैटिंग नहीं करनी पड़ी क्योंकि भारतीय टीम ने पारी और 8 रन से ये मैच जीत लिया। दूसरी पारी में वीनू मांकड़ और गुलाम अहमद ने 4-4 विकेट लिए जबकि रमेश दिवेचा और दत्तू फडकर ने 1-1 विकेट हासिल किया। ये भारत के क्रिकेट इतिहास की पहली जीत साबित हुई और उसके बाद भारतीय क्रिकेट टीम ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।