- प्रथम श्रेणी क्रिकेट का सबसे बड़ा रिकॉर्ड
- जैक हॉब्स ने रचा था इतिहास, आज तक नहीं टूटा है रिकॉर्ड
- सबसे ज्यादा शतक और सबसे ज्यादा रनों का शानदार करियर
क्रिकेट की शुरुआत प्रथम श्रेणी क्रिकेट (First class cricket) से हुई और जब टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत हुई तो टेस्ट के आंकड़े भी प्रथम श्रेणी क्रिकेट में जुड़ने लगे। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाले अधिकतर दिग्गज खिलाड़ियों ने घरेलू स्तर पर प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलते हुए अपना नाम बनाया और आगे का सफर तय किया। इनमें से कई खिलाड़ियों ने बड़े रिकॉर्ड बनाए, लेकिन एक खिलाड़ी ऐसा रहा जिसके रिकॉर्ड्स के आगे विश्व क्रिकेट के सभी आंकड़े फीके नजर आते हैं। उनका नाम था जैक हॉब्स (Jack Hobbs)।
इंग्लैंड के कैमब्रिज में 1882 में जन्मे जॉन बैरी हॉब्स को क्रिकेट जगत में 'जैक हॉब्स' के नाम से जाना गया। वो अपने माता-पिता के 12 बच्चों में से एक थे। उनके पिता छतों में स्लेट लगाने का काम किया करते थे। जैक हॉब्स ने अपना बचपन काफी गरीबी की स्थिति में गुजारा। गली व सड़कों में क्रिकेट खेलते-खेलते कॉलेज क्रिकेट से अपना नाम कमाते हुए उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट तक का सफर तय किया था। लेकिन फिर जो आंकड़े खड़े हुए उसने दुनिया को दंग कर दिया।
डॉन ब्रैडमैन से भी बेहतरीन !
बेशक औसत के मामले में ऑस्ट्रेलिया के डॉन ब्रैडमैन ने टेस्ट क्रिकेट इतिहास का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बनने का गौरव हासिल किया लेकिन जैक हॉब्स के जमाने में उतना टेस्ट क्रिकेट हुआ नहीं और जितने साल उन्होंने टेस्ट व प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेला, उतने साल जमकर रन बनाए। उन्होंने कुछ ऐसे आंकड़े खड़े किए जो प्रथम श्रेणी क्रिकेट में आज भी शीर्ष पर हैं।
जैक हॉब्स के प्रथम श्रेणी क्रिकेट के आंकड़े (1905 से 1934 के बीच)
मैच - 834
रन - 61,760
औसत - 50.70
शतक - 199
अर्धशतक - 273
सर्वश्रेष्ठ स्कोर - नाबाद 316 रन
नॉट आउट - 107 बार
विकेट - 108
कैच - 342
Jack Hobbs (ICC- Twitter)
टेस्ट क्रिकेट में जैक हॉब्स के आंकड़े (1908 से 1930 के बीच)
मैच - 61
रन - 5410
औसत - 56.94
शतक - 15
अर्धशतक - 28
सर्वश्रेष्ठ स्कोर - 211 रन
जैक हॉब्स ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट के जरिए खूब सुर्खियां बटोरीं। अगर वो एक शतक और जड़ने में सफल रहते तो उनके शतकों का आंकड़ा 200 तक पहुंच जाता। जैक हॉब्स के नाम सबसे ज्यादा उम्र में टेस्ट शतक जड़ने का रिकॉर्ड भी दर्ज है। उन्होंने 46 की उम्र में शतक जड़ते हुए ये रिकॉर्ड बनाया था।
संन्यास लेकर पत्रकार बन गए, एक दुकान भी खोली
वो दुनिया के पहले ऐसे क्रिकेटर बने थे जिनके नाम के साथ 'सर' (Knighthood) जुड़ा। उन्होंने 1934 में क्रिकेट से संन्यास लिया और उसके बाद वो पत्रकार बन गए थे। उन्होंने इंग्लैंड की टीम के साथ विदेशी दौरे पर भी सफर किया और चार किताबें भी लिखीं। उन्होंने काफी पैसा दान भी किया और इसीलिए संन्यास के बाद भी काफी समय तक चैरिटी क्रिकेट खेलते रहे। इसके साथ ही उनकी खेल के सामानों की एक दुकान थी जिसे वो अंत तक चलाते रहे।
पत्नी से करते थे बहुत प्यार
वो अपनी पत्नी एडा से बेहद प्यार करते थे। एडा एक मोची की लड़की थी जिन पर हॉब्स का दिल आ गया था। दोनों के चार बच्चे थे। हॉब्स की पत्नी का मार्च 1963 में निधन हुआ जिसके बाद जैक हॉब्स की सेहत बिगड़ने लगी। दिसंबर 1963 में जैक हॉब्स का निधन भी हो गया। जैक हॉब्स की 81 वर्ष की आयु में मृत्यु हुई। उन्होंने अपने पीछे 19 हजार 445 पाउंड छोड़े।