- वीरेंद्र सहवाग अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के लिए जाने जाते थे
- सहवाग बल्ले से आक्रामक होते थे, लेकिन विरोधियों से कम ही भिड़ते थे
- ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज के खिलाफ वीरू को बहुत गुस्सा आया, तो उन्होंने ऐसी हरकत की थी
नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व विस्फोटक ओपनर वीरेंद्र सहवाग अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के लिए जाने जाते थे। अपना दिन होने पर सहवाग किसी भी गेंदबाज के लिए बुरे सपने से कम नहीं थे। उनमें पहली ही गेंद से प्रहार करके विरोधी गेंदबाजों पर हावी होने की अद्भुत क्षमता थी। जहां सहवाग तेजी से रन बनाने पर विश्वास रखते थे, वहीं मैदान पर विरोधी टीम के खिलाड़ियों से बहुत कम ही भिड़ते थे।
वीरू आक्रामक बल्लेबाज होने के साथ शांत व्यवहार वाले व्यक्ति थे, जो मैदान पर खिलाड़ियों के साथ दोस्ताना व्यवहार निभाने पर विश्वास रखते थे। हालांकि, कई ऐसे मौके भी आए जब सहवाग अपना आपा खो बैठे और विरोधी गेंदबाजों या खिलाड़ियों से उलझ गए। एक बार सहवाग का बीच मैदान पर ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज जेम्स पैटिंसन से विवाद हुआ था।
यह घटना 2011 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर खेले गए मुकाबले की है। सहवाग ने अपने जोड़ीदार गौतम गंभीर के साथ भारतीय पारी की शुरूआत की थी। सहवाग 16 रन बनाकर खेल रहे थे जब पैटिंसन ने रन दौड़ते समय बल्लेबाज का रास्ता रोकने की कोशिश की। गेंदबाज ने वीरू को पारी के सातवें ओवर में रन लेने से रोकने के लिए अपने कंधें का इस्तेमाल किया।
सहवाग को पैटिंसन का बर्ताव बिलकुल अच्छा नहीं लगा। भारतीय बल्लेबाज को गुस्सा आ गया। सहवाग ने गुस्से में बल्ला उठाकर पैटिंसन को धमकाया। दोनों खिलाड़ियों के बीच काफी जुबानी जंग हुई। इस बीच पीटर सिडल भी आ गए और सहवाग पर हावी होने की कोशिश की। मैदानी अंपायरों ने हस्तक्षेप किया और खिलाड़ियों को शांत कराकर मैच दोबारा शुरू कराया।
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बता दें कि ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की और पहली पारी में 333 रन बोर्ड पर टांगे। जवाब में भारत ने वीरेंद्र सहवाग (83 गेंदों में 67 रन) की शानदार पारी के दम पर पहली पारी में 282 रन बनाए। पैटिंसन ने ही पारी के 29वें ओवर में सहवाग का शिकार किया था। ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी में 240 रन बनाए थे और फिर उसने भारत को 169 रन पर ऑलआउट करके 122 रन से टेस्ट मैच अपने नाम किया।