- 2016 से लेकर 2019 तक योग ओलंपियाड का आयोजन
- इस प्रतियोगिता में सभी स्कूलों के 6 से 12वीं कक्षा के बच्चे भाग ले सकते हैं
- लॉकडाउन के दौरान बच्चों को अध्यापकों एवं अभिभावकों के मार्गदर्शन में घर पर ही योग करने के लिए प्रेरणा
नई दिल्ली । मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने स्कूली पाठ्यक्रम और अध्यापन में योग को बढ़ावा देने के लिए एक अनोखा एवं बहुआयामी कदम उठाया है। इसके अंतर्गत रविवार से राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने राष्ट्रीय ऑनलाइन योग क्विज शुरू की है।इसके पहले एनसीईआरटी ने उच्च प्राथमिक स्तर के छात्रों के लिए स्वस्थ रहने के लिए योग पर पाठ्यसामग्री विकसित की और 2016 से लेकर 2019 तक योग ओलंपियाड का आयोजन करती रही है। कोरोना संकट के कारण इस साल ये ओलंपियाड का आयोजन नहीं किया जा सका।
योग को बढ़ावा देने के लिए एनसीईआरटी की पहल
एनसीईआरटी इस लॉकडाउन के दौरान बच्चों को अध्यापकों एवं अभिभावकों के मार्गदर्शन में घर पर ही योग करने के लिए प्रेरित कर रही है। उसने अपने वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर में योग संबंधी पाठ्यक्रम जोड़ा है।इस अवसर पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, योग एक प्राचीन विद्या है जिसे भारत ने ही पूरे विश्व को दिया है। प्रधानमंत्री जी ने भी अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अपने संबोधन में कहा है कि योग से हम संकट को हरा सकते हैं।
6वीं से 12 वीं तक के छात्रों को शामिल होने का मौका
राष्ट्रीय ऑनलाइन योग क्विज का उद्देश्य भी बच्चों को जीवन में योग क्रियाओं को लागू करने के लिए समझ विकसित करना है।राष्ट्रीय योग क्विज प्रतियोगिता, एनसीईआरटी द्वारा विकसित योग पाठ्यक्रम के आधार पर होगी जिसमें यम और नियम, षट्कर्म क्रिया, आसन, प्राणायाम, ध्यान, बंध, मुद्रा और ध्यान से संबंधित प्रश्न होंग। इस प्रतियोगिता में सभी स्कूलों के 6 से 12वीं कक्षा के बच्चे भाग ले सकते हैं।
ऑनलाइन प्रतियोगिता की जाएगी आयोजित
इस ऑनलाइन प्रतियोगिता में पूछे गए प्रश्न बहुविकल्पीय होंगे। यह हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में बच्चों के लिए उपलब्ध होंगे। छात्र किसी भी भाषा को चुन सकता है। कक्षा 6 से 12 तक के टॉप 100 बच्चों को मेरिट सर्टिफिकेट मिलेगा। क्विज एक महीने के लिए खुला रहेगा, जो 21 जून को आरंभ होगा और 20 जुलाई को आधी रात को बंद होगा।