- मध्य प्रदेश में भारी बारिश से नर्मदा नदी उफान पर।
- आईएमडी ने अगले तीन दिनों तक मध्य प्रदेश के भोपाल में भारी वर्षा का दिया संकेत।
- जिला शिक्षा अधिकारी ने कल स्कूल बंद करने का लिया निर्णय।
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के भोपाल और आसपास के जिलों में लगातार भारी बारिश हो रही है। इसके चलते जिला प्रशासन ने कल यानी 22 अगस्त, सोमवार को स्कूल बंद करने का निर्णय लिया है। ध्यान रहे यह आदेश सरकारी और निजी दोनों स्कूलों के लिए लागू है। साथ ही आंगनबाड़ी केंद्र भी बंद रहेंगे। बता दें मध्य प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश हो रही है। वहीं कुछ इलाको में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं, लोगों का घर से निकलना भी मुश्किल हो गया है। सड़कों पर पानी भरा हुआ है। नदियों का जल स्तर बढ़ गया है। बारिश के चलते कई प्राइवेट व सरकारी स्कूलों में भी पानी भर गया है। ऐसे में छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिले के स्कूलों को एक दिन के लिए बंद करने का आदेश दिया गया है।
जिला शिक्षा अधिकारी, भोपाल ने आदेश जारी कर स्कूलों को भेज दिया है, कि अभिभावकों को सूचित किया जाता है कि अपने बच्चों को कल स्कूल ना भेजें। आईएमडी ने अगले तीन दिनों तक मध्य प्रदेश विशेषकर भोपाल में भारी वर्षा की भविष्यवाणी की है। आईएमडी ने ट्वीट कर बताया कि डिंडोरी में नर्मदा नदी उफान पर है, जबलपुर में जलजमाव की सूचना मिली है। बता दें मध्य प्रदेश के कुछ जिलों में आज भारी बारिश हुई है। इसकी के चलते आईएमडी ने अगले 3 दिनों के लिए मध्य प्रदेश के जबलपुर, भोपाल और नर्मदापुरम में भारी बारिश की चेतावनी दी है।
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छोटी बड़ी नदियां उफान पर
मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में बाढ़ से बुरा हाल है, कई जिलों में भारी बारिश के चलते हाई अलर्ट जारी है। साथ ही होशंगाबाद, हरदा, नरसिंहपुर,देवास, रायसेन, सीहोर और बड़वानी समेत कई जिलों को रेड जोन में रखा गया है। बंगाल की खाड़ी से बड़े पैमाने पर नमी आने का सिलसिला बना हुआ है, जिसके चलते रुक रुक कर वर्षा का दौर जारी है। कई छोटी बड़ी नदियां उफान पर हैं। सड़कों पर दो फीट से ज्यादा पानी भरा है, कई सड़कें तालाब में तबदील हो गई हैं। लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई इलाकों में चार से सात फीट पानी भरा हुआ है, जलभराव के कारण लोग गांव के अंदर भी प्रवेश नहीं कर पा रहे हैं। बीरिश और पानी कते प्रवाह के कारण कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। खेतों में फसलों का पता ही नहीं चल रहा है। प्रदेश सरकार ने पानी के बहाव को नियंत्रित करने के लिए बांधों के गेट खोल दिए हैं।