- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की पहल
- मेधावी विद्यार्थियों को मिलेगा लाभ
- मेधा छात्रवृत्ति योजना से होंगे लाभान्वित
Student Policies For 5000 Students: अगले चार वर्षों में सरकार की योजना के अनुसार 20 हजार से अधिक विद्यार्थियों को योजना का लाभ मिलने की संभावना है। सरकार को इस मद में सालाना 24 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ें। अहम बात यह है कि सरकार की ओर से मेधावी छात्र-छात्राओं को छात्रवृति देने के लिए योग्यता के मापदंड तय किए गए हैं। एक चयन प्रक्रिया से इस योजना का लाभ पाने वाले विद्यार्थियों को गुजरना होगा।
शिक्षा विभाग सरकार की मंजूरी मिलते ही इसे झारखंड एकेडमिक काउंसिल यानी जैक को परीक्षा आयोजित करने के लिए पत्र भी भेज चुका है। अब जैक ने परीक्षा लेने के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है। कक्षा आठ की बोर्ड परीक्षा बाद यह पात्रता परीक्षा आयोजित की जानी है। संभवत: जून में परीक्षा ली जा सकती है। सरकारी विद्यालयों के कक्षा आठ के वो विद्यार्थी, जो कक्षा सात की परीक्षा 55 फीसदी अंक के साथ उत्तीर्ण हुए हों, वे इस परीक्षा में भाग ले सकते हैं। एसटी-एससी के विद्यार्थियों को अंक में पांच फीसदी की छूट मिलेगी।
परीक्षा का प्रारूप एनटीएसई की तरह होगा
अधिकारियों के अनुसार राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा यानी एनटीएसई की तर्ज पर यह पात्रता परीक्षा लेने की योजना है। दो खंडों में परीक्षा आयोजित की जाएगी। 90-90 अंक के प्रश्न दोनों खंडों में होंगे। कक्षा सात व आठ का प्रश्न का स्तर रखा जााना है। इसमें सामाजिक विज्ञान, विज्ञान, रीजनिंग और गणित विषय से सवाल होंगे।
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सरकार के खर्च होंगे 24 करोड़ रुपये
सूबे भर में इस नई छात्रवृत्ति योजना के जरिए पांच हजार विद्यार्थियों का चयन होगा। छात्रवृत्ति योजना वित्तीय वर्ष 2022-23 से शुरू कर दी जाएगी। इसमें सफल विद्यार्थियों को प्रति वर्ष 12 हजार रुपये कक्षा नौ से 12वीं तक के लिए छात्रवृत्ति मिलेगी। चौथे साल से प्रति वर्ष 20 हजार विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति मिलेगी। ऐसे में छात्रवृत्ति पर सरकार के 24 करोड़ रुपये खर्च हो जाएंगे।
400 मेधावी विद्यार्थी प्रत्येक जिले से चुने जाएंगे
विभाग ने छात्रवृत्ति योजना का जो प्रारूप तय किया है उसके अनुसार हर जिले से अधिकतम 400 विद्यार्थियों का चयन किया जाएगा। चयन के लिए 60 प्रतिशत अंक कट ऑफ तय कर दिया गया है। सभी भागों में न्यूनतम 40 प्रतिशत (एसटी-एससी वर्ग के विद्यार्थियों के लिए 35 फीसदी) अंक लाना अनिवार्य रहेगा। छात्राओं के लिए 30 प्रतिशत सीट आरक्षित है।