- राजधानी दिल्ली मेंलगभग दस महीने बाद आज से दोबारा खुल रहे हैं स्कूल
- सरकार ने विस्तृत परिचालन निर्देश जारी किए हैं जिनमें मास्क लगाना है अनिवार्य
- कोरोना वायरस के चलते राज्य में सभी स्कूल व शिक्षण संस्थान पिछले साल मार्च के अंतिम सप्ताह से हैं बंद
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से बीते दस महीने से बंद स्कूल आज से फिर खुल रहे हैं।आज से 10वीं से लेकर 12वीं तक की कक्षाएं संचालित की जाएगी। स्कूल खोलने को लेकर सरकार की तरफ से तैयारियां पूरी हो चुकी है। इस बार हालात बदले-बदले नजर आएंगे और कोविड दिशा-निर्देशों का पूरा पालन किया जाएगा। एक क्लास में 12 से 15 बच्चे ही शिरकत करेंगे। राज्य सरकार ने इसके लिए स्कूलों को विस्तृत परिचालन निर्देश (एसओपी)जारी किए हैं जिनमें मास्क लगाना अनिवार्य भी शामिल है।
पैरेंट्स की अनुमति जरूरी
आज से खुलने वाले स्कूलों में आने वाले छात्रों को स्कूल आने के लिए अभिभावकों की लिखित सहमति से लेनी होगी जो पैरेंट्स कंसेंट लेटर लेकर नहीं आएंगे तो उन्हें अनुमति नहीं मिलेगी। कई स्कूलों का कहना है कि अभी सभी पैरेंट्स ने इजाजत नहीं दी है। जो छात्र स्कूल नहीं आना चाहते हैं या नहीं आएंगे तो उन्हें ऑनलाइन क्लासेस देनी होगी।
नए नियम
लगभग सभी स्कूलों में सैनिटाइजेशन का काम पूरा हो चुका है। दिल्ली सरकार द्वारा जो दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं उसके मुताबिक कंटेनमेंट जोन में रहने वाले छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों को स्कूल में आने की अनुमति नहीं होगी। गाइडलाइन्स में कहा गया है कि स्कूल के मेन गेट और एग्जिट गेट पर भीड़ से बचने के लिए स्कूल की टाइमिंग को कम से कम 15 मिनट का गैप रखना होगा।
किसी तरह की फिजिकल एक्टिविटी नहीं
स्कूल में किसी तरह की असेंबली नहीं होगी और एंट्री गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग होगी तथा बिना मास्क के एंट्री नहीं मिलेगी। इसकी तरह किसी भी तरह की एकस्ट्रा एक्टिविटी या आउटडोर फिजिकिल एक्टिविटी की अनुमति नहीं होगी। एसओपी में छात्रों को एक दूसरे से हाथ मिलाने से मना किया गया है। इसके अलावा सभी छात्रों को अपने साथ पानी की बोतल और खाना लाना होगा। साथ ही छात्र किसी के साथ अपना खाना शेयर नहीं कर सकते हैं।
अधिकतम 15 छात्र एक क्लास में बैठ सकेंगे
क्लासेस के लिए भी कुछ नियम तय हैं, जैसे- छात्रों की क्लास 4-5 घंटे से अधिक नहीं चलेगी और हर क्लास में केवल 15 छात्र ही अधिकतम बैठ सकेंगे। इसी तरह वॉशरूम में भी एक बार में दो से ज्यादा छात्रों को अनुमति नहीं होगी। कई स्कूलों ने जगह-जगह पर सैनिटाइजर लगाए हुए हैं। सोशल डिस्टेंसिंग के लिए स्कूलों में कई जगहों पर साइन या निशान बने होंगे।
अभिभावकों के मन में संशय
कई स्कूल ऐसे हैं जो अभी भी प्रॉपर क्लास नहीं ले रहे हैं, वो केवल बोर्ड के छात्रों को प्रैक्टिकल से संबंधित जानकारियां देने या प्रोजक्ट देखने के लिए बुला रहे हैं। चूंकि अभी कोरोना पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है इसलिए पैरेंट्स के मन में अभी भी कई तरह के संशय बने हुए हैं।