लखनऊ। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (यूपीएसईबी) के छात्र अब हाई स्कूल और इंटरमीडिएट स्तर पर गंगा संरक्षण का विषय पढ़ेंगे। नमामि गंगे विभाग की पहल पर गंगा संरक्षण को एक विषय के रूप में शामिल किया गया है। इसके साथ ही ऐसा करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य है।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि गंगा संरक्षण और जल प्रदूषण की रोकथाम को पाठ्यक्रम में शामिल करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है और यूपीएसईबी ने इसे हिंदी विशेषज्ञों की एक समिति के पास विचार करने के लिए भेजा है। समिति द्वारा इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलते ही इस विषय को पाठ्यक्रम में शामिल कर लिया जाएगा।
छात्र गंगा के पवित्र जल को प्रदूषित होने से बचाने और हिमालय से बंगाल की खाड़ी तक गंगा की यात्रा करने के तरीके सीखेंगे। इस विचार का मकसद युवाओं को गंगा सफाई अभियान से जोड़ने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'निर्मल और अविरल गंगा' की अवधारणा को बच्चों के बीच ले जाने के लिहाज से है। अधिकारियों ने कहा कि यह पहल न केवल बच्चों के ज्ञान को बढ़ाएगी, बल्कि गंगा की स्वच्छता को एक नई गति देगी।
नमामि गंगे और राज्य सरकार के ग्रामीण जल आपूर्ति विभाग ने माध्यमिक शिक्षा विभाग को स्कूलों में गंगा प्रदूषण से संबंधित नए पाठ्यक्रम और गतिविधियों को लागू करने का निर्देश दिया है। साथ ही छात्रों के लिए गंगा स्वच्छता कार्यक्रम में भाग लेना अनिवार्य कर दिया गया है।