- दिल्ली में 50 प्रतिशत क्षमता के साथ नर्सरी से आठवीं तक की कक्षाओं में पढ़ाई शुरू हुई
- स्कूलों में कोरोना गाइडलाइन एवं प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन किया जा रहा है
- कक्षा नौ से 12वीं तक की पढ़ाई गत एक सितंबर से पहले ही शुरू हो चुकी है
नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली के स्कूलों में सोमवार से रौनक एक बार फिर लौट आई। कोरोना महामारी की वजह से करीब 19 महीने तक स्कूलों को बंद रखने के बाद उन्हें दोबारा खोल दिया गया है। नर्सरी से लेकर सभी कक्षाएं 50 प्रतिशत क्षमता के साथ शुरू हुई हैं। स्कूल दोबारा खोले जाने पर छात्र उत्साहित हैं। स्कूलों में कोरोना प्रोटोकॉल एवं गाइडलाइन का सख्ती से पालन किया जा रहा है। इस मौके पर दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया वेस्ट विनोद नगर स्थित राजकीय सर्वोदय बाल/कन्या विद्यालय पहुंचे और छात्रों के साथ बातचीत की।
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से नर्सरी से आठवीं तक की कक्षाएं शुरू हो गई हैं, इससे वह काफी खुश हैं। सिसोदिया ने कहा कि स्कूलों में कोविड प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। राज निवास मार्ग स्थित राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय में भी बड़ी संख्या में छात्र पहुंचे। दिल्ली में कक्षा नौ से 12वीं तक के स्कूल गत एक सितंबर से खुल चुके हैं।
कोरोना संकट के मद्देनजर डीडीएमए ने प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों एवं छात्रों के लिए विस्तृत गाइडलाइन जारी किया है। डीडीएमए ने अपनी गाइडलाइन में कहा है कि अभिभावकों की अनुमति के बाद ही छात्र स्कूल आएंगे। किसी भी अभिभावक को अपने बच्चे को स्कूल भेजने के लिे दबाव नहीं बनाया जाएगा। कक्षाएं हाइब्रिड मोड (ऑन लाइन और ऑफ लाइन) चलेंगी।
DDMA की गाइडलाइन
- स्कूल में 50 प्रतिशत छात्रों को आने की इजाजत होगी।
- क्लासरूम एवं लैब्स की क्षमता के अनुरूप टाइम टेबल बनाया जाएगा।
- सुबह की शिफ्ट के छात्रों के स्कूल से जाने और शाम की शिफ्ट वाले छात्रो के स्कूल आने के बीच कम से कम एक घंटे का अंतराल रखना होगा।
- कंटेनमेंट जोन में रहने वाले छात्रों, शिक्षकों एवं कर्मचारियों को स्कूल परिसर में आने की इजाजत नहीं होगी।
- स्कूलों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उसके कर्मचारी एवं शिक्षकों को कोरोना का टीका लगा हो।
- छात्रों को स्कूल में अपना लंच और बुक्स एक दूसरे के साथ साझा करने की इजाजत नहीं होगी।
- स्कूल में किसी छात्र या अध्यापक में यदि कोरोना का लक्षण दिखता है, तो उन्हें परिसर में बने 'क्वरंटाइन रूम' में रखना होगा।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि बच्चे के भविष्य को लेकर हम ज्यादा खतरा नहीं ले सकते। स्कूल खोले जाने से बच्चे काफी खुश हैं। बच्चों को स्कूल भेजना है कि नहीं इसका फैसला अभिभावकों को करना है। सभी बच्चे स्कूल आना चाहते हैं। दिल्ली में कोरोना की स्थिति नियंत्रण में है।