- दिल्ली विश्विद्यालय में रजिस्ट्रेशन के लिए बचे अब कुछ दिन
- कोरोना महामारी की वजह से छात्रों के सामने दिव्यांग प्रमाण पत्र हासिल करने की चुनौती
- विश्वविद्यालय प्रशासन ने विचार करने का दिया भरोसा
नयी दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए जारी ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया के खत्म होने में अब केवल पांच दिनों का समय बचा है, लेकिन छात्रों का कहना है कि दिव्यांगता प्रमाण पत्र हासिल करने, संगीत पाठ्यक्रम के लिए वीडियो प्रस्तुति अपलोड करने सहित तमाम समस्याएं आवेदन करने में आ रही हैं।सबसे प्रमुख मुद्दा जो उठाया गया है वह है छात्रों द्वारा दिव्यांगता प्रमाण पत्र हासिल करना क्योंकि कोरोना वायरस महामारी के चलते अधिकतर सरकारी अस्पतालों में ओपीडी बंद है और वे संक्रमण के डर से वहां जाने से भी डर रहे हैं।
दिव्यांग प्रमाण पत्र पर अड़चन
कुछ छात्रों ने पूछा कि क्या निजी अस्पताल द्वारा जारी प्रमाण पत्र को क्या डीयू स्वीकार करेगा, लेकिन विश्वविद्यालय ऐसे प्रमाण पत्र को स्वीकार नहीं करता है।छात्रों की समस्या को सुनने के लिए सोमवार को आयोजित वेबिनार में कई छात्रों ने पूछा कि वे दिव्यांग कोटे में प्रवेश के कैसे प्रमाण पत्र हासिल करें?डीयू के समान अवसर प्रकोष्ठ के प्रोफेसर बिपिन तिवारी ने कहा कि छात्र प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और पावती रशीद को प्रवेश् वेबसाइट पर अपडलोड कर सकते हैं।हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रवेश के समय प्रमाणपत्र की आवश्यकता होगी।
छात्रों के सामने कई तरह की अड़चन
तिवारी ने कहा, ‘‘ छात्रों को प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए आवेदन करना चाहिए क्योंकि जिला अस्पताल द्वारा जारी प्रमाण पत्र स्वीकार्य है न कि निजी अस्पताल से जारी प्रमाणपत्र। छात्रों को इस श्रेणी के तहत कुछ प्रमाण देना होगा क्योंकि उन्होंने अपनी कक्षा 12 के बोर्ड के लिए भी कुछ प्रमाण दिखाए होंगे।’’उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय यह पता करेगा कि क्या एम्स प्रमाण पत्र जारी करने में मदद कर सकता है।छात्रों ने बताया कि वे संगीत के पाठ्यक्रमों के लिए अपने वीडियो अपलोड नहीं कर पा रहे हैं। इस साल छात्रों को सात मिनट की अपनी प्रस्तुति संबंधी वीडियो यूट्यूब पर अपलोड करना है और उसे अनलिस्टड मार्क करना है।
कुछ संकायों में दिक्कतों का निराकरण
संगीत संकाय की प्रवेश समिति इन वीडियों के आधार पर छात्रों को ऑनलाइन साक्षात्कार के लिए बुलाएगी।डीन (प्रवेश) शोभा बागई ने बताया कि समस्या को सुलझा लिया गया है। उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ समस्या आई थी, लेकिन अब मुद्दे को सुलझा लिया गया और उम्मीदवार वीडियो अपलोड कर सकते हैं और लिंक को पंजीकरण फॉर्म के साथ लिंक कर सकते है।उम्मीदवारों ने कहा कि उनके 10वीं कक्षा के प्रमाण पत्र और अन्य पिछड़ा वर्ग प्रमाण पत्र में नाम की वर्तनी संबंधी त्रृटिया हैं।
वेबिनार से छात्रों को मिल रही है मदद
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दूसरे वेबिनार के लिए करीब एक हजार लोगों ने पंजीकरण कराया था जबकि फेसबुक के जरिये 1,200 सवाल आए।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया 20 जून को शुरू हुई और यह चार जुलाई तक जारी रहेगी। अबतक करीब दो लाख 18 हजार छात्रों ने प्रवेश के लिए पंजीकरण कराया है और करीब 98 हजार छात्र शुल्क जमा कराकर प्रक्रिया पूरी कर चुके हैं।
कोरोना वायरस की महामारी के चलते इस बार ऑलनाइन प्रवेश प्रक्रिया चल रही है।