- यूनिवर्सिटी फाइनल ईयर एग्जाम मामले में सुनवाई 10 अगस्त तक टली
- परीक्षा कराए जाने के खिलाफ कुछ राज्यों की अर्जी के खिलाफ यूजीसी ने लगाई है अर्जी
नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की अर्जी पर सुनवाई अब 10 अगस्त तक के लिए टाल दी गई है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को 30 सितंबर तक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं आयोजित करने के निर्देश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर दायर की थी। यूजीसी का कहना है कि फाइनल ईयर की परीक्षा को नहीं रोका जा सकता है। यूजीसी ने अपनी विस्तृत प्रतिक्रिया में कहा कि देश के सभी विश्वविद्यालयों / संस्थानों को सितंबर 2020 के अंत तक टर्मिनल सेमेस्टर / अंतिम वर्ष की परीक्षाएं आयोजित करने के लिए कहा गया है। दिशानिर्देशों के संशोधित सेट पर उठाए गए सवालों पर यूजीसी ने कहा कि विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के आधार पर ही फैसला किया गया था।
10 अगस्त तक सुनवाई टली
शीर्ष अदालत के समक्ष दायर की गई दलीलों ने अधिकारियों से अंतिम वर्ष की परीक्षाओं का संचालन नहीं करने और छात्रों के पिछले प्रदर्शन या आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर परिणाम घोषित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने उन इच्छुक छात्रों को अंक सुधारने का एक और मौका प्रदान करने के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी दिए हैं, जो पिछले प्रदर्शन या आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अपने स्कोर से असंतुष्ट हो सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट के सामने यूजीसी की दलील
यदि विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षा में टर्मिनल सेमेस्टर / फाइनल ईयर का छात्र उपस्थित नहीं हो पाता है, तो हो सकता है कि उसे ऐसे पाठ्यक्रमों / पत्रों के लिए विशेष परीक्षाओं में उपस्थित होने का अवसर दिया जाए, जो उसके द्वारा आयोजित किए जा सकते हैं। के रूप में और जब संभव विश्वविद्यालय, ताकि छात्र किसी भी असुविधा / नुकसान के लिए डाल नहीं है।