- इसरो में जॉब पाने के लिए पास करनी पड़ती है मुश्किल परीक्षा
- इसरो साइंटिस्ट को मिलती है बेहद शानदार सैलरी और सुविधा
- ऑफिस में वर्किंग माहौल सरकारी और कॉपरेट का मिश्रण
Career In ISRO: स्पेस के क्षेत्र में भारत बेहद सम्मानजनक स्थान हासिल करते हुए विश्व के टॉप देशों की लिस्ट में शामिल हो चुका है। देश को इस मुकाम तक ले आने में सबसे अहम योगदान भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने दिया है। इसरो जिस तरह से लगातार कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ रहा है, उससे युवाओं की दिलचस्पी भी इसरो में बढ़ गई है। स्पेस में करियर बनाने की सेचा रहा हर युवा इसरो में जॉब हासिल करने का सपना देखता है। हालांकि इस एजेंसी से जुड़ी बहुत कम जानकारी ही निकल कर बाहर आती है।
जिसकी वजह से युवाओं के बीच यहां पर जॉब के दौरान मिलने वाली सैलरी साथ ही लोगों के मन में यहां जॉब हासिल करने के तरीकों, जॉब के दौरान मिलने वाली सुविधाओं, कामकाजी माहौल और सैलरी को लेकर तमाम जिज्ञासाएं और सवाल होते हैं। यहां हम इन सभी सवालों के जवाब देंगे।
इसरो में जॉब हासिल करने का प्रॉसेस:
इसरो हर साल अपने लिए प्रमुख रूप से इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के जरिए युवा वैज्ञानिकों को तैयार करता है। हालांकि बाहर से भी वैज्ञानिकों को यहां जॉब हासिल करने का मौका दिया जाता है। इसरो में सिर्फ वैज्ञानिक ही नहीं भर्ती होते हैं, यहां पर कई अन्य जॉब प्रोफाइल वाले लोगों की भी खबू भर्ती होती है। यहां पर यंग ग्रेजुएट को आमतौर पर इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल, सिविल, मैकेनिकल, कंप्यूटर साइंस आदि जैसे क्षेत्रों में साइंटिस्ट इंजीनियर के रूप में भर्ती किया जाता है।
इसरो में जॉब हासिल करने के लिए बीई, बीटेक, बीएससी, बीएससी इंजीनियरिंग की डिग्री होनी चाहिए। साथ ही उम्मीदवारों को कम से कम 65 फ़ीसदी अंक के साथ पास होना चाहिए। जॉब के लिए आवेदन के बाद उम्मीदवार को बेहद कठिन लिखित एग्जाम और इंटरव्यू से गुजरना पड़ता है।
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ऑफिस का वर्किंग टाइम:
इसरो के ऑफिसों टाइम अन्य सरकारी ऑफिसों की तरह सुबह 09.00 बजे से शाम 5.00 बजे तक होती है। हालांकि कुछ ऐसे विभाग भी हैं, जहां पर 24 घंटे कार्य होता है। वहीं अन्य विभाग के लोगों को भी जरूरत पड़ने पर ऑफिस टाइम भूलकर कार्य करना पड़ता है। यहां कर्मचारियों को हफ्ते में पांच दिनों की वर्किंग के साथ दो दिन की वीकली मिलती है। यहां ऑफिस के अंदर मोबाइल साथ ले जाने की अनुमति नहीं होती।
शानदार वर्किंग माहौल:
इसरो का वर्क कल्चर शानदार माना जाता है। यहां पर तबादले बेहद कम होते हैं। इसरो के सेंटर्स के डिपार्टमेंट्स का माहौल सरकारी और कॉरपोरेट का मिश्रण होता है । भर्ती होने वाले युवाओं को रेंडम तरीके से अलग डिपार्टमेंट्स और शहरों में भेजा जाता है। वहीं सुविधाओं की बात करें, तो यहां की कैंटीन बेहद सस्ती होती हैं। साथ ही आवास और परिवहन सुविधा मिलती है। कर्मचारियों के बच्चों को मुफ्त पढाई, हेल्थ कवर, कई तरह की अन्य सुविधाएं मिलती है।
लेवल के हिसाब से मिलती है सैलरी:
इसरो में भर्ती होने से लेकर सीनियर लेवल तक जाने तक सैलरी पैटर्न काफी अलग होता है। वैसे यहां जब किसी नए साइंटिस्ट या इंजीनियर की नियुक्ति होती है, तो उसे लेवल-10 में रखा जाता है। सातवें वेतन आयोग के तहत इन्हें टोटल सैलरी- 95,059 - 1,07,635/- रुपये की सैलरी मिलती है। यहां पर प्रमोशन की प्रक्रिया काफी धीमी रहती है।
भर्ती होने के बाद पहला प्रमोशन 4 साल बाद मिलता है। लेवल 10 में भर्ती होने के बाद प्रमोशन पाकर लेवल 16 तक जाया जा सकता है। इस लेवल पर पहुंचने वाने वैज्ञानिकों को डिस्टिंग्विश्ड साइंटिस्ट (प्रतिष्ठित वैज्ञानिक) कहा जाता है और इनकी टोटल सैलरी अभी 2,05,400 रुपये है।