- नई शिक्षा नीति में किए गए हैं कई बड़े बदलाव, पढ़ाई पर पड़ेगा सकारात्मक प्रभाव
- 5 + 3 + 3 + 4 का नया पाठयक्रम संरचना किया जाएगा लागू
- किसी भी भाषा को छात्रों पर थोपा नहीं जाएगा, काफी हद तक बदल जाएगी शिक्षा
नई दिल्ली: देश में नई शिक्षा नीति राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को मंजूरी दे दी गई जिसमें कई क्रांतिकारी सुधार किए गए हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा बुधवार को इसे मंजूरी दी गई जिसमें मानव संसाधन विकास मंत्रालय का पुन: नामकरण शिक्षा मंत्रालय किया गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली समिति ने पिछले वर्ष मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को नयी शिक्षा नीति का मसौदा सौंपा था। इससे पहले वर्तमान शिक्षा नीति 1986 में तैयार की गयी थी और इसे 1992 में संशोधित किया गया था। नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद आपके बच्चों की पढ़ाई भी काफी हद तक बदल जाएगी।
बच्चों की शिक्षा पर खास ध्यान
इस नई शिक्षा नीति में पांचवी तक पढ़ाई का माध्यम मातृभाषा, स्थानीय या फिर क्षेत्रीय भाषा रखने की बात कही गई है जिन्हें कक्षा 8 या उससे आगे भी बढ़ाया जा सकता है। नई शिक्षा नीत के मुताबिक, स्कूल छोड़ चुके बच्चों को फिर से मुख्य धारा में शामिल करने के लिए स्कूल के बुनियादी ढांचे का विकास और नवीन शिक्षा केंद्रों की स्थापनी की जाएगी। बचपन की देखभाल और शिक्षा पर जोर देते स्कूल पाठ्यक्रम के 10 + 2 ढांचे की जगह 5 + 3 + 3 + 4 का नया पाठयक्रम संरचना लागू किया जाएगा जो क्रमशः 3-8, 8-11, 11-14, और 14-18 उम्र के बच्चों के लिए है।
किसी भी भाषा का थोपा नहीं जाएगा
किसी भी भाषा को थोपा नहीं जाएगा। पहली और दूसरी कक्षा में भाषा व गणित पर काम करने पर जोर देने की बात कही गई है। नई शिक्षा नीति के तहत, 'सभी विद्यार्थी ग्रेड 3, 5 और 8 में स्कूली परीक्षाएं देंगे, जो उपयुक्त प्राधिकरण द्वारा संचालित की जाएंगी। ग्रेड 10 एवं 12 के लिए बोर्ड परीक्षाएं जारी रखी जाएंगी, लेकिन समग्र विकास करने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए इन्हें नया स्वरूप दिया जाएगा।'
बड़ा बदलाव
अभी तक सरकारी स्कूल पहली कक्षा से शुरू होते हैं लेकिन नई शिक्षा नीति में काफी बड़ा बदलाव किया गया है जिसके तहत पहले बच्चे को पांच साल के फाउंडेशन स्टेज से गुजरना होगा। इस चरण के आखिरी दो साल पहली कक्षा और दूसरी कक्षा के होंगे। यानि पांच साल के फाउंडेशन स्टेज के बाद बच्चा तीसरी कक्षा में जाएगा। 3, 5 और 8 में स्कूल की परीक्षा देना होगी ये परीक्षाएं रटकर याद करने की बजाय प्रासंगिक उच्चतर क्रम के कौशलों औऱ वास्तविक जीवन स्थितियों में पाठकयक्रम की मूलधारणा के मूल्यांकन का परीक्षण कर किया जाएगा।