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Independence Day Speech 2022: आन-बान-शान से लहरा रहा तिरंगा, इस तरह अपने भाषण से भर दें लोगों में जोश

Updated Aug 15, 2022 | 13:38 IST

Independence Day Speech 2022 (स्वतंत्रता दिवस पर भाषण हिंदी में 2022): यदि आप चाहते हैं स्पीच के लिए मंच पर चढ़ते ही तालियों की गड़गड़ाहट से ऑडिटोरियम गूंज उठे और भारत माता की जय के नारे लगने शुरू हो जाएं तो नीचे दिए, इन कविताओं का अपने स्पीच के बीच में उल्लेख करें।

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कविताएं स्पीच में लगा देंगी चार चांद | फोटो आभार (Istock)
मुख्य बातें
  • देश आजादी की 765वीं वर्षगांठ मना रहा है।
  • देशभक्ति शायरी या कविता से करें स्पीच की शुरुआत।
  • ऐसे बनाएं अपने स्पीच को दमदार।

Independence Day Speech 2022, (स्वतंत्रता दिवस पर भाषण हिंदी में 2022): इस वर्ष भारत अपना 76वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। 15 अगस्त 1947 को इस दिन भारतीयों को अंग्रेजों के अत्याचारों व अमानवीय व्यवहारों से मुक्ति मिली थी। हर भारतीय इस दिन को देश के नाम समर्पित करना चाहता है। जिसके लिए तैयारियां भी जोरो शोरों से चल रही हैं। सरकार ने आजादी के 75 गौरवशाली सालों (Patriotic poems on Independence Day) को मनाने के लिए '75वां आजादी का अमृत महोत्सव' शुरू किया है। स्कूल, कॉलेज व सरकारी कार्यालयों में महीनों पहले से 15 अगस्त के कार्यक्रम की तैयारी चल रही है। लोग अपने स्पीच की तैयारी में लगे हैं।

जब स्पीच की बात आती है तो लोग काफी कंफ्यूजन में आ जाते हैं कि आखिर स्पीच में क्या बोलें? बता दें कि किसी भी स्पीच में चार चांद लगाने के लिए यह आवश्यक है कि उसमें हम शायरियों या कविताओं का उपयोग करें। इस आर्टिकल में नीचे कुछ बेहतरीन शायरियों के बारे में बताया गया है। जिन्हें उम्मीदवार अपनी स्पीच में उपयोग कर सकते हैं।

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इन शायरियों से गूंज उठेगी तालियों की गड़गड़ाहट

जो अब तक ना खौला वो खून नही पानी है,
जो देश के काम ना आये वो बेकार जवानी हैं।

चन्द्रशेखर आज़ाद 

सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है

– बिस्मिल अज़ीमाबादी

लों में हुब्ब-ए-वतन है अगर तो एक रहो
निखारना ये चमन है अगर तो एक रहो

– जाफ़र मलीहाबादी

इसी जगह इसी दिन तो हुआ था ये एलान
अँधेरे हार गए ज़िंदाबाद हिन्दोस्तान

– जावेद अख़्तर

शहीदों की मजारों पर लगेंगे हर बरस मेले
वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा

– अशफाक उल्ला खां



लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है
उछल रहा है ज़माने में नाम-ए-आज़ादी

– फ़िराक़ गोरखपुरी

दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगे
आजाद ही रहे हैं, आजाद ही रहेंगे

– चंद्रशेखर आजाद

जवानों नज़्र दे दो अपने ख़ून-ए-दिल का हर क़तरा
लिखा जाएगा हिन्दोस्तान को फ़रमान-ए-आज़ादी

– नाज़िश प्रतापगढ़ी

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इसके साथ ही अपनी स्पीच के बीच स्वतंत्रता सेनानियों के शौर्य गाथाओं को सुनाएं, जिन्होंने देश के लिए हंसते हंसते अपने प्रांणो की आहुति दी। इससे लोगों के मन में देशभक्ति की एक अलग ही भावना उजागर होगी। अगर आप ऊपर दी गई शायरियों का अपनी स्पीच में इस्तेमाल करते हैं तो यकीनन ऑडिटोरियम में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठेगी।