- कोरोना वायरस के चलते ये परीक्षाएं देरी से करवाई जा रही हैं
- कई विद्यार्थी इन परीक्षाओं को स्थगित करने की बात कर रहे हैं
- सोशल मीडिया पर #NoExamsInCovid ट्रेंड कर रहा है
NEET, JEE 2020 Exams date : नीट (NEET Exam 2020) और जेईई मेन (JEE Main 2020 Exam) की परीक्षाएं इस साल जुलाई के महीने होंगी। इसको लेकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा पहले ही जानकारी दी जा चुकी है। कोरोना वायरस के चलते ये परीक्षाएं देरी से करवाई जा रही हैं। वहीं, देश में कोरोनावायरस के बढ़ते हुए खतरे को देखते हुए कई विद्यार्थी इन परीक्षाओं को स्थगित करने की बात कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी #NoExamsInCovid ट्रेंड कर रहा है। हालांकि, HRD मिनिस्ट्री और National Testing Agency (NTA) द्वारा परीक्षाओं को स्थगित करने को लेकर कोई सूचना नहीं दी गई है।
JEE Main की परीक्षाएं 18 जुलाई से 23 जुलाई तक करवाई जानी हैं जबकि NEET की परीक्षा 26 जुलाई को होगी। बता दें कि कोरोनावायरस के बढ़ रहे मामलों के चलते छात्र National Testing Agency (NTA) से इस साल इंजीनियरिंग और मेडिकल की प्रवेश परीक्षा को स्थगित करने की मांग कर रहे हैं। वहीं, छात्र सोशल मीडिया पर #noexamsincovid और #postponejeeneet जैसे हैशटैग ट्रेंड करवा रहे हैं।
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने हाल ही में कोविड-19 को लेकर पैदा हुई स्थिति की समीक्षा की। इसके साथ ही उन्होंने CBSE, NTA के साथ-साथ AICTE और UGC के प्रमुखों के साथ बैठक भी की। फिलहाल ये स्पष्ट नहीं हो पाया है कि क्या मंत्रालय इन परीक्षाओं को स्थगित करेगा और क्या CBSE बोर्ड की परीक्षा भी रद्द होगी या नहीं। सुप्रीम कोर्ट में आज CBSE की बाकि बची हुई परीक्षाएं करवाने को लेकर सुनवाई हुई लेकिन फिलहाल CBSE के पेपर रद्द नहीं किए गए हैं। इस बीच कोरोनावायरस के चलते देश में बने हालात को देखते हुए कई छात्र NEET और JEE की परीक्षा स्थगित करने की मांग कर रहे हैं।
ओडिशा के एक छात्र राजीव मिश्रा ने NEET की परीक्षा को स्थगित करने के कई कारण बता दिए। वह एक कार्यकर्ता भी हैं। उनके अनुसार, कई NEET परीक्षा देने वाले कई लोगों को अपना जीवन खतरे में डालते हुए परीक्षा केंद्रों में पहुंचने के लिए दूरस्थ क्षेत्रों से यात्रा करनी होगी।
यहां बता दें कि स्टूडेंट्स परीक्षा स्थगित करने की मांग कर रहे हैं न कि रद्द करने की। NSUI ने भी परीक्षा को स्थगित करने की मांग की है। NSUI के अनुसार देश में हर दिन 1500 नए मामले देखने को मिल रहे हैं और ऐसे माहौल में परीक्षा देना छात्रों के लिए जोखिम भरा होगा।
स्टूडेंट्स के माता-पिता भी कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर चिंतित हैं। एक अभिभावक ने अपनी सोशल मीडिया की पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, 'अगर छात्रों के लिए अलग से बैठने की व्यवस्था है, तो भी छात्रों के लिए ये जोखिम से भरा होगा।'
सोशल मीडिया पर इस तरह की चल मुहिम के साथ सरकार को भी परीक्षा आयोजित करने के लिए 'प्लान-बी' के बारे में सोचना होगा। बता दें कि मंत्रालय द्वारा इस संबंधी जल्द ही निर्णय लिया जाएगा और फैसले को National Testing Agency (NTA) पर आधिकारिक वेबसाइट पर अपडेट किया जाएगा।