- NAD पर छात्र- छात्राओं को आधार या मोबाइल नंबर के जरिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी करनी होती है
- डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन से लेकर जरूरी पेमेंट करना आसान हो जाता है।
- NAD के जरिए फर्जी डॉक्यूमेंट्स का जोखिम खत्म हो जाता है।
नई दिल्ली: छात्र-छात्राओं को अपने डिग्री, सर्टिफिकेट को स्टोर करना आसान होगा। यूजीसी ने इसके लिए देशभर की यूनिवर्सिटी को कहा है कि वे स्टूडेंट्स द्वारा सबमिट किए जाने वाले डॉक्यूमेंट्स को डिजिलॉकर के माध्यम से भी स्वीकार करें। इसके तहत छात्रा-छात्राओं के डॉक्यूमेंट्स को डिजिलॉकर पर NAD प्लेटफॉर्म के जरिए अपलोड किया जाएगा। और यूनिवर्सिटी और शिक्षण संस्थानों को इन्हें स्वीकार करना होगा। ऐसा करने से डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन से लेकर जरूरी पेमेंट करना आसान हो जाएगा।
क्या है एनएडी
नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी (एनएडी) सभी शैक्षणिक डिग्रियों को ऑनलाइन सुरक्षित रखने का एक 24X7 स्टोर हाउस है। इसके तहत कोई भी छात्र और छात्रा अपने प्रमाणपत्र, डिप्लोमा, डिग्री, मार्कशीट आदि ऑनलाइन स्टोर कर सकते हैं। जिसका इस्तेमाल, शैक्षणिक संस्थान और बोर्ड पात्रता मूल्यांकन के लिए करते हैं।
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कैसे होगा रजिस्ट्रेशन
छात्र-छात्राएं www.nad.gov.in या nad.digitallocker.gov.in पर क्लिक कर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। जहां पर क्लिक करने के बाद स्टूडेंट टैब दिखेगा। जिस पर क्लिक करने के बाद, छात्र-छात्राओं को आधार या मोबाइल नंबर के जरिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी करनी होती है। सर्टिफिकेट को अपलोड करने के बाद, नियोक्ता से लेकर एनएडी से जुड़े संस्थान उसे मान्यता देते हैं।
मिलेंगे ये फायदे
इसके जरिए, छात्र-छात्राओं को संस्थानों द्वारा डिग्री-सर्टिफिकेट अपलोड करने के तुरंत बाद एक्सेस करने का मौका मिलता है। रिकॉर्ड हमेशा ऑनलाइन उपलब्ध रहता है। और उसका प्रमाणीकरण भी पूरी तरह से वैध होता है। फर्जी डॉक्यूमेंट्स का जोखिम भी खत्म हो जाता है। इस कदम से छात्र-छात्राओं को कोराना के खतरे के बीच डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन आदि के लिए यूनिवर्सिटी, कॉलेज आदि जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जो तीसरी लहर में बड़ी राहत देगा।
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