Sreenath k success story in UPSC: कहते हैं कि अगर इरादे पक्के तो कोई भी शख्स बड़े से बड़े लक्ष्य को हासिल कर सकता है। राह में आने वाली बाधाओं पर विजय हासिल कर सकता है। केरल के रहने वाले श्रीनाथ की कामयाबी सिर्फ कहानी नहीं है बल्कि हकीकत है, उन लोगों के लिए संदेश भी जो संसाधनों का रोना रोते हैं। श्रीनाथ बताते हैं कि उनके सामने जिस तरह की भी चुनौतियां सामने आईं उन चुनौतियों को अवसर के तौर पर देखा। तैयारी के दौरान तरह तरह के विचार आते थे। लेकिन उन्हें यूपीएससी क्लियर करने की भूख थी जिसे चौथी कोशिश में शांत कर सके।
पहले केपीएसी में हुआ था सलेक्शन
श्रीनाथ के आईएएस अफसर बनने तक की कहानी बेहद दिलचस्प है। आईएएस बनने से पहले अपने परिवार का पेट पालने के लिए कुली का काम करते थे। इनकम इतनी नहीं होती थी कि वो परिवार के खर्च को पूरा कर सकें लिहाजा डबल शिफ्ट में काम करने लगे, फिर भी दिक्कतें बनीं रहीं लेकिन उन्होंने अपने हौसले को डिगने ना दिया। उनकी चाहत थी कि वो प्रशासनिक सेवा में जाएं। लेकिन उसकी पढ़ाई के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं थे।
संघर्ष के सफर में स्मार्टफोन बना सहारा
श्रीनाथ के कहते हैं कि ज्यादा फीस देने की हैसियत उनकी नहीं थी, उन्होंने किसी तरह से स्मार्टफोन का इंतजाम किया और तैयारी शुरू की। श्रीनाथ की मेहनत रंग लाई और लो केरल पब्लिक सर्विस कमीशन की परीक्षा में कामयाब हो गए। लेकिन उनका लक्ष्य उससे भी बड़ा था। श्रीनाथ ने कुछ समय बाद आईएएस की तैयारी शुरू की और चौथे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल की।