- श्रेयांस ने यूपीएससी में चौथी रैंक हासिल की है।
- उन्होंने ऑप्शन सब्जेक्ट में एंथ्रोपॉलजी सब्जेक्ट का चयन किया था।
- हाल ही में उन्होंने इस परीक्षा को लेकर खास स्ट्रेटजी शेयर की है।
राजस्थान के रहने वाले श्रेयांस कुमट ने साल 2018 में यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) की परीक्षा में चौथी रैंक हासिल की है। श्रेयांस ने इस वीडियो के जरिए बताया कि आखिर उन्होंने इसकी तैयारी किस तरह की। श्रेयांस ने आईआईटी मुंबई से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की है। इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद श्रेयांस ने दो साल तक नौकरी की। इसके बाद उन्होंने तय कि उन्हें यूपीएससी की परीक्षा देनी चाहिए।
श्रेयांस कुमट ने यूपीएससी की तैयारी शुरू करने से पहले अपनी नौकरी छोड़ दी और दिल्ली चले आए। एक साल तक यूपीएससी की तैयारी करने के बाद उन्होंने दूसरे साल में इसकी परीक्षा दी। श्रेयांस के मुताबिक इस परीक्षा के लिए उनके मन में कई तरह के सवाल थे। इन सवालों के जवाब मिलने के बाद उन्होंने तैयारी शुरू की।
श्रेयांस ने बताया कि उन्होंने ऑप्शनल सब्जेक्ट मैकेनिक नहीं बल्कि एंथ्रोपॉलजी लिया। दरअसल एंथ्रोपॉलजी में उनकी दिलचस्पी ज्यादा थी। इसके अलावा ऑनलाइन इस विषय को लेकर पिछले साल के टॉपर्स द्वारा काफी गाइडेन्स दिए गए हैं।
श्रेयांस ने बताया कि इस परीक्षा के लिए बेसिक मजबूत होना चाहिए। जिसके लिए मैंने एक बुकलिस्ट तैयार किया। जिसमें सोर्स, ऑनलाइन नोट्स और किताबें सभी शामिल हैं। बेसिक मजबूत बनाने के बाद प्रीलिम्स और मेन्स की तरफ बढ़ें। प्रीलिम्स और मेन्स का सिलेबस लगभग एक जैसा होता है। बता दें कि प्रीलिम्स में ऑब्जेक्ट सवाल किए जाते हैं। जबकि मेन्स में उसी सवाल के जवाब को व्याख्या कर के बताते हैं। हालांकि मेन्स और प्रीलिम्स के सिलेबस में कुछ अंतर होते हैं। ऐसे में मेन्स के लिए प्रैक्टिस एक अहम योगदान निभाता है।
श्रेयांस ने बताया कि इस परीक्षा के लिए धैर्य बनाए रखना बेहद जरूरी है। ऐसे में इस परीक्षा में कुछ खास चीजों का खास ध्यान रखना चाहिए। जैसे नोट्स, प्रैक्टिस, सोर्स इन बातों का हमेशा ध्यान रहना चाहिए। ऑब्जेक्टिव सवाल के लिए लोग भले ही तुक्के का सहारा ले सकते हैं लेकिन मेन्स में ऐसा नहीं कर सकते। मेन्स के लिए प्रैक्टिस ही आपको बेहतर बना सकती है।