- साल 2017 में सूरज कुमार राय ने 117वीं रैंक हासिल की है।
- इस परीक्षा में मिली असफलता से सूरज ने काफी कुछ सीखा है।
- सूरज ने बीटेक में ग्रेजुएशन किया है।
सिविल सर्विस की परीक्षा में 117वीं रैंक हासिल करने वाले सूरज कुमार राय ने इस परीक्षा को लेकर कुछ खास टिप्स शेयर किए हैं। बता दें कि इस परीक्षा में उन्होंने एक बार प्रीलिम्स और एक बार मेंस में फेल हुए थे। जिसके बाद साल 2017 में उन्होंने 117वीं रैंक हासिल की। उन्होंने ये सफलता तीसरी बार में मिली। सूरज कुमार राय के मुताबिक इस परीक्षा में मिली असफलता से उन्होंने काफी कुछ सीखा है।
उत्तर प्रदेश के जौनपुर के रहने वाले सूरज कुमार राय ने कई शहरों में रहकर अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी की। इसके बाद उन्होंने बीटेक में ग्रेजुएशन किया। ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद उन्होंने कुछ समय तक प्राइवेट कंपनी में जॉब किया। जॉब के दौरान सूरज को एहसास हुआ कि उन्हें सिविल सर्विस की तैयारी शुरू करनी चाहिए। तैयारी के दिनों में उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ इस परीक्षा की स्ट्रेटजी पर भी फोकस किया। ताकी परीक्षा के पैटर्न को समझ सकें। वहीं उन्होंने इस परीक्षा के लिए कुछ मुख्य बातों का भी जिक्र किया।
सिविल सर्विस के लिए समयसीमा क्या होनी चाहिए
सिलेबस और प्रीवियस के क्वेचन पेपर को अच्छी तरीके से पढ़ें। सबसे पहले आपको सिलेबस में देखना होगा कि प्रीलिम्स में क्या पढ़ना है और मेन्स में क्या पढ़ना है। उसके बारे में भी जानना है कि अलग अलग स्टेज पर कैंडिडेट्स को यूपीएससी कैसे टेस्ट करती है। सूरज कुमार राय के मुताबिक इस परीक्षा के लिए कैंडिडेट्स के पास कम से कम एक साल का समय जरूर होना चाहिए। जिसमें आप यूपीएससी के मुताबिक पढ़ाई कर पाएंगे और सबसे जरूरी बात सिलेबस को पूरा कर सकेंगे। तो इसके लिए उचित टाइमलाइन होना बेहद जरूरी है।
असफलताओं से कैसे सीखें
कई बार कैंडिडेट्स यूपीएससी में सफलता हासिल नहीं कर पाते हैं। ऐसे में इससे घबराने के बजाय अगली परीक्षा की तैयारी तुरंत शुरू कर दें। कई बार लोगों बहुत मायूस हो जाते हैं और उन्हें समझ नहीं आता कि आगे क्या करें। प्रीलिम्स में फेल होने के बाद आपको दोबारा तैयारी करने के लिए एक साल का समय मिलता है। इसे अच्छी तरह से इस्तेमाल करें।
प्रीलिम्स और मेन्स में मिले असफलता से कैसे निपटें
सूरज कुमार राय पहली बार इस परीक्षा में प्रीलिम्स में सफलता हासिल नहीं कर पाए थे। और दूसरे अटेम्प्ट में मेन्स उनका क्वलीयर नहीं हो पाया था। दोनों ही मामलों में आपको तैयारी शुरू से करनी होती है। ऐसे में नोट्स और प्रैक्टिस को बनाए रखें, ताकी जब अगली बार आप परीक्षा दें तो आप समय को बचाते हुए अपनी तैयारी को और मजबूत बना सकेंगे। इस तरह की स्ट्रेटजी के तहत तैयारी करेंगे तो इस परीक्षा में सफलता जरूर हासिल होगी।