पटना : बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के PT परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होने का मामले में DGP ने आर्थिक अपराध इकाई को जांच का जिम्मा दिया है। आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी नैयर हसनैन खान के नेतृत्व में विशेष टीम बनाया गया है टीम में कई साईबर एक्सपर्ट को शामिल किया गया है, पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर आर्थिक अपराध इकाई ने जांच शुरू कर दिया है राज्य के DGP ने कहा है की जांच शुरू हो गई है। कई तरीके के सबूत को कलेक्ट किया जा रहा है जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। उन्होंने ये भी कहा कि मामला बहुत ही गंभीर है और चुनौती भरा है और अब विशेष टीम पूरे मामले की जांच करेगी।
गौर हो कि बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने रविवार को हुई सिविल सेवा (प्रारंभिक) की परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होने के बाद व्यापक रोष के चलते परीक्षा रद्द कर दी। दोपहर में परीक्षा शुरू होने से कुछ मिनट पहले प्रश्न पत्रों के एक सेट के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे।
BPSC परीक्षा नियंत्रक अमरेंद्र कुमार ने बताया कि परीक्षा रद्द कर दी गई है। अन्य घोषणाएं नियत समय में की जाएंगी। बीपीएससी के सचिव जीत सिंह ने कहा कि पूरे मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई है और तीन दिन में रिपोर्ट देने को कहा गया है। सिंह ने मीडिया से कहा कि हमें परीक्षा शुरू होने के समय प्रश्न पत्र लीक होने की शिकायतें मिली थीं। हमने स्क्रीनशॉट की तुलना प्रश्न पत्रों के सेट सी से की। स्क्रीनशॉट कथित तौर पर परीक्षा शुरू होने से करीब छह मिनट पहले सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे। इन आरोपों पर जांच कमेटी गौर करेगी।
भोजपुर जिला मुख्यालय आरा में परीक्षा केंद्रों में से एक वीर कुंवर सिंह कॉलेज में परीक्षार्थियों ने कई आरोप लगाए। युवकों और युवतियों ने यह आरोप लगाते हुए हंगामा किया कि कुछ उम्मीदवारों को अलग कर दिया गया और एक अलग कमरे के अंदर अपने प्रश्नपत्र हल करने की अनुमति दी गई और वहां मोबाइल फोन ले जाने की भी अनुमति दी गई।
BPSC पेपर लीक के आरोप पर बवाल, बिहार के आरा में छात्रों ने किया हंगामा
भोजपुर के डीएम रौशन कुशवाहा मौके पर पहुंचे और प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों को शांत कराया। कुशवाहा ने कहा कि उम्मीदवारों को लिखित में अपनी शिकायत देने को कहा गया है। हम इन्हें बीपीएससी को सौंप देंगे जो आगे कोई कार्रवाई कर सकती है। स्थानीय प्रशासन केवल यह सुनिश्चित कर सकता है कि परीक्षा निर्धारित दिन पर बिना किसी बाधा के आयोजित की जाए।
परीक्षा में बैठने वाले 5 लाख से अधिक उम्मीदवारों के लिए राज्य भर में 1,000 से ज्यादा केंद्र बनाए गए थे। एक छात्र ने कहा कि यही कह सकता हूं कि यह मनोबल गिराने वाला है। परीक्षा दिसंबर में होनी थी, लेकिन पंचायत चुनाव के कारण स्थगित कर दी गई। अब इसमें और देरी होने वाली है।