नई दिल्ली: देश में जैसे जैसे कोरोना के मामले में कमी आई है ऐसे में कोरोना मामले के कारण बंद किए गए स्कूलों को खोलने की बात आ रही है और अब धीरे धीरे स्कूल खुलने शुरू हो रहे हैं, कई राज्यों ने सितंबर से स्कूल खोलने की बात कही है, लेकिन एक्सपर्ट का साफ कहना है कि स्कूल खुलने से ट्रांसमिशन और ज्यादा बढ़ेगा।
वहीं इस मसले पर इंडियन एसोसिएशन आफ पब्लिक हेल्थ के चेयरमैन, एम्स के वैक्सीन डिपार्टमेंट के इंचार्ज और पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट हेड प्रोफेसर संजय राय का कहना है- अभी तक भारत और वैश्विक स्तर पर जो आंकड़े मिले हैं उनके अनुसार कोरोना से एक लाख में से सिर्फ 2 बच्चों की मृत्यु होती है, जबकि टीकाकरण की वजह से बच्चों पर ज्यादा दुष्प्रभाव हो सकते हैं, इसलिए बच्चों का टीकाकरण नहीं होना चाहिए।
अहमदाबाद बेस्ड कम्पनी ज़ायडस केडिला जो 12-18 आयु के बच्चों के लिए वैक्सीन ला रही हैं फ़िलहाल ये वैक्सीन तब तक नहीं लेनी चाहिए जब तक इसका ट्राइयल पूरी तरह ना हो जाए और इसके पेपर पब्लिक डोमेन में ना हो क्यूँकि कुछ भी रिस्क हो सकता हैं ।स्कूल बंद होने से बच्चों को हो रहा है ज्यादा नुकसान
विज्ञान हमेशा प्रमाण की बात करता है ,प्रमाणित रुप से यह कहा जा सकता है कि स्कूल बंद होने से बच्चों को मानसिक समस्याएं हो रही है। उनमें मोटापा बढ़ रहा है, उन्हें कई ऐसी बीमारियां हो सकती हैं जो भविष्य में उनके लिए ज्यादा घातक हो, इसलिए ना सिर्फ शैक्षणिक रूप से, बल्कि स्वास्थ्य को देखते हुए भी सभी बच्चों के स्कूल खुल जाने चाहिए।