- डायबिटीज में कच्चे केले का सेवन है फायदेमंद
- पके केले को स्नैक्स के तौर पर खाएं
- हाई लेवल शुगर में पका केला खाना नुकसानदायक
Banana in Diabetes: डायबिटीज में खाने का खास ख्याल रखना पड़ता है। यदि खाने में थोड़ी सी भी लापरवाही बरती जाए, तो इससे ब्लड शुगर लेवल बढ सकता है, जिससे डायबिटीज की परेशानी बढ़ सकती है। ऐसे में खाने-पीने पर खास ख्याल रखना पड़ता है। कई बार डायबिटीज के मरीजों को समझ नहीं आता है कि क्या खाया जाए और क्या नहीं। इसके चलते वो ऐसी चीजों को सेवन भी बंद कर देते हैं, जो सेहत के लिए जरूरी होते हैं और पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। इन्हीं फलों में से एक है केला। डायबिटीज के मरीजों को ये डर रहता है कि केला खाने से शुगर लेवल बढ़ जाएगा। हालांकि, केला खाने के कुछ सही तरीके होते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको बताते हैं केला खाने का सही तरीका-
पढ़ें- महिलाएं भी कर सकती हैं वेट लिफ्टिंग, आज ही दूर करें ये मिथक
डायबिटीज के मरीज ऐसे कर सकते हैं केले का सेवन
ऐसे करें केले का सेवन
हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि यदि किसी व्यक्ति को डायबिटीज है तो वो पके हुए केले को स्नैक्स के तौर पर खा सकता है। वहीं, अगर कच्चा केला खाना है तो उसकी सब्जी बनाकर ही खाए।
दरअसल, केला खाने से शुगर लेवल के बढ़ने का खतरा रहता है, लेकिन भोजन के बीच में स्नैक्स के तौर पर केला खाया जा सकता है।
हाई शुगर में न खाएं केला
यदि शुगर लेवल हाई हो तो ज्यादा पका हुआ केला नहीं खाना चाहिए। इससे डायबिटीज तेजी से बढ़ती है, जो खतरनाक हो सकती है। इसके अलावा ये भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि गुड़ और चीनी का सेवन बिलकुल न करें और कम शुगर इंडेक्स वाले फल खाए जा सकते हैं।
डायबिटीज के रोगियों के लिए कच्चा केला है फायदेमंद
जिन लोगों को डायबिटीज की समस्या होती है, वो कच्चा केला खा सकते हैं। कच्चे केले से सब्जी बनाकर, भर्ता बनाकर खा सकते हैं। हेल्थ एक्सपर्टं की मानें तो कच्चे केले को किसी भी रूप में खाया जा सकता है, इससे कोई नुकसान नहीं होता।
केले में पोषक तत्व
केले में फाइबर, फॉलिक एसिड, विटामिन सी, पोटैशियम, कार्बोहाइड्रेट्स, एनर्जी, फ्रुक्टोज शुगर भरपूर मात्रा में होते हैं। ये सभी डायबिटीज के मरीजों के लिए हेल्दी होता हैं, यदि स्नैक्स के तौर पर लिए जाएं तो, खाने के साथ केला नुकसानदायक हो सकता है।
( डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)