- पपीते में विटामिन ए, विटामिन सी, नियासिन, मैग्नीशियम, कैरोटीन कई तरह के एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं
- पाचन या भूख न लगने की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए पपीता उपयोगी है
- इस ऑलराउंडर फ्रूट के कुछ महत्वपूर्ण दुष्प्रभाव भी हैं
नई दिल्ली: पपीता एक ऐसा फल है जिसे आप चाहे तो सलाद में खाएं या फिर जूस के रूप में। बाकी फलों की तरह, पपीते को भी सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। यह फल खनिज, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर है। यह लो कैलरी फ्रूट स्वास्थ्य को कई तरह से लाभ पहुंचाता है।
पपीता को उसके जीवाणुरोधी गुण के लिए जाना जाता है, यह पाचन क्षमता को भी बढ़ावा देता है। हालांकि, पपीते खाने के फ़ायदे कई हैं लेकिन इससे कई स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। खासकर, पपीते से जुड़ी सबसे प्रमुख समस्या यह है कि गर्भवती महिला को प्रभावित कर सकता है। आज हम आपको बता रहे हैं पानी खाने के क्या फायदे और नुकसान हो सकते हैं।
Immunity बढ़ाने में असरदार
Immunity अच्छी हो तो बीमारियां दूर रहती हैं। पपीता आपके शरीर के लिए आवश्यक विटामिन C की मांग को पूरा करता है। ऐसे में अगर आप हर रोज कुछ मात्रा में पपीता खाते हैं तो आपके बीमार होने की आशंका कम हो जाएगी।
वजन घटाने में मददगार
एक मध्यम आकार के पपीते में 120 कैलोरी होती है। ऐसे में अगर आप वजन घटाने की बात सोच रहे हैं तो अपनी डाइट में पपीते को जरूर शामिल करें। इसमें मौजूद फाइबर्स वजन घटाने में मददगार होते हैं।
कोलेस्ट्रॉल कम करन में सहायक
पपीते में उच्च मात्रा में फाइबर मौजूद होता है। साथ ही ये विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स से भी भरपूर होता है। अपने इन्हीं गुणों के चलते ये कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में काफी असरदार है।
आंखों की रोशनी बढ़ाने में मददगार
पपीते में विटामिन C तो भरपूर होता ही है साथ ही विटामिन A भी पर्याप्त मात्रा में होता है। विटामिन A आंखों की रोशनी बढ़ाने के साथ ही बढ़ती उम्र से जुड़ी कई समस्याओं के समाधान में भी कारगर है।
पाचन तंत्र को सक्रिय रखने में सहायक
पपीते के सेवन से पाचन तंत्र भी सक्रिय रहता है। पपीता में कई पाचक एंजाइम्स होते हैं। साथ ही इसमें कई डाइट्री फाइबर्स भी होते हैं, जिसकी वजह से पाचन क्रिया सही रहती है।
अब आपको बताते हैं पपीता सेवन करने से क्या-क्या नुकसान हो सकता है:
गर्भवती महिलाओं के लिए है हानिकारक
ज्यादातर हेल्थ एक्सपर्ट गर्भवती महिलाओं को पपीता खाने से बचने की सलाह देते हैं, क्योंकि पपीता के बीज और जड़ भ्रूण को नुकसान पहुंचा सकते हैं। पपीते में लेटेक्स की हाई मात्रा होती है जो गर्भाशय सिकुड़न का कारण बन सकती है। पपीते में मौजूद पपेन शरीर की उस झिल्ली को नुकसान पहुंचा सकता है जो भ्रूण के विकास के लिए आवश्यक है।
कम हो सकता है ब्लड शुगर
पपीता रक्त में शुगर लेवल काफी कम कर सकता है। तो, अगर आप मधुमेह और दवा ले रहे हैं तो पपीता खाने से पहले अपने डॉक्पूटर की सलाह जरूर लें।
एलर्जी का कारण बन सकता है
फल में मौजूद पपेन से एलर्जी हो सकती है। प्रतिक्रियाओं में से जैसे सूजन, चक्कर आना, सिरदर्द और चकत्ते और त्वचा पर खुजली होना।
सांस की तकलीफ
पपीता में मौजूद एंज़ाइम पपेन को संभावित एलर्जी भी कहा जाता है। अत्यधिक मात्रा में पपीते का सेवन अस्थमा, कंजेशन और जोर जोर से सांस लेना जैसी विभिन्न श्वसन संबंधी विकार पैदा कर सकता है।
कब खाएं पपीता
पपीते का सेवन सुबह के समय करना चाहिए। इसमें एसिडिक गुण कम होने के कारण सुबह के समय खाने से इसका पाचन आसानी से हो जाता है और इसमें मौजूद पानी की ज्यादा मात्रा और फाइबर की प्रचुरता भी शरीर की मेटाबोलिक रेट को संतुलित करती है। लेकिन यह ध्यान रखें कि इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करें।