- छठ पूजा का माहौल मानसिक शांति देने वाला होता है
- सूर्य की किरणें शरीर को डिटॉक्स करती हैं
- सूर्य की किरणें, मानसिक विकार खत्म करती हैं
छठ पूजा वैसे तो चार दिवसीय पर्व होता है, लेकिन अंतिम दो दिन विशेष महत्वपूर्ण होते हैं जब सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। माना जाता है कि सूर्य को अर्घ्य देने से हर तरह की समस्याओं से मुक्ति मिलती है चाहे वह आम जीवन से जुड़ी हो या स्वास्थ्य से। नहाय-खाय की परंपरा के साथ छठ का शुभरंभ होता। खरना के बाद अस्तगामी सूर्य और उसके बाद उगते सूर्य को जल देकर छठ पूजा की पंरपरा पूरी होगी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस पूजा को करने से धार्मिक के साथ आपको स्वास्थ्य लाभ भी मिलता है। यदि आप व्रत न कर सकें तो कम से कम पूजा जरूर करें ताकि आपको पूजा के साथ स्वास्थ्य का लाभ भी मिल सके।
छठ कार्तिक शुक्ल की षष्ठी को मनाया जाने वाला एक हिन्दू पर्व है। इस दिन भगवान सूर्य और छठी मैया (सूर्य भगवान की पत्नी ऊषा) की पूजा की जाती है। डूबते सूर्य को अर्घ्य, सूर्य की दूसरी पत्नी प्रत्युषा को दिया जाता है। सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा से हर तरह की परेशानी दूर होती है, चाहे वह स्वास्थ्य से ही क्यों न जुड़ी हो ततो आइए जानें कि इस पूजा से स्वास्थ्य को किस तरह लाभ मिलता है।
शरीर को मिलती है नई ताकत
सूर्य की किरणें धरती पर जब पड़ती हैं तो वे किसी दवा से कम नहीं होतीं। उनमें शरीर से विषाक्तता निकालने की अद्भुद शक्ति होती है। सुबह और शाम कि किरणें जब सूर्य की हल्की होती हैं तो उनमें कई फायदेमंद चीजें शरीर को मिलती हैं। विटामिन डी मिलने से शरीर में जमा कैल्शियम एक्टिवेट हो जाता है। इससे शरीर न केवल ऊर्जावान बनता है बल्कि शरीर की हड्डियों में भी मजबूती आती है। सूर्य की किरणों के कारण हमारे शरीर पर अंदर या बाहर चिपके विषैले तत्व बाहर हो जाते हैं। इससे शरीर की प्राकृतिक प्रतिरक्षा प्रणाली भी मजबूत होती है। छठ पूजा में किये जाने वाले व्रत से विषाक्त पदार्थों की मात्रा में कमी आती है और सूर्य की किरणें शरीर को ऊर्जावान बनाती हैं। इससे आपकी त्वचा युवा और स्वस्थ होती है।
एंटीसेप्टिक गुणों से भर जाता है शरीर
छठ पूजा में सूर्य कि पहली किरण शरीर पर पड़ती है और लंबे समय तक आप सूर्य कि किरणों के साथ रहते हैं। ऐसे में सूर्य की किरणों से निकलने वाली सुरक्षित विकिरण त्वचा में मौजूद फंगल और बैक्टीरियल इंफेक्शन को दूर करने में मदद करती हैं। साथ ही शरीर की ऊपरी सतह पर मौजूद विटामिन डी सूर्य की किरणों से एक्टिवेट हो जाता है। इससे मानिसक ही नहीं शारीरिक फायदे भी होते हैं।
हार्मोन लेवल नहीं बिगड़ता
छठ पूजा में छठी मईया की पूजा में चार दिनों तक खूब लोक गीत, भजन और आरती की जाती है। ये सब कुछ केवल व्रतीजन को ही नहीं आसपास रहने वालों को भी मानिसक शांति और आत्मिक सुख देते हैं। इससे घर का माहौल बेहद सुखदायक होता है। गीतों के जरिये शरीर के अंदर अच्छे हार्मोन्स का स्राव पड़ता है और तनाव देने वाले हार्मोन्स घटते हैं।
मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद
छठ पूजा मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है। पूजा में कई रचनात्मक क्रियाएं होती हैं। पूजा पाठ, व्रत के दौरान सात्विक जीवन आदि सब कुछ मानिसक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। नकारात्मक ऊर्जा शरीर से दूर होती हैं और ईर्ष्या, क्रोध आदि से इंसान मुक्त होता है। सूर्य कि किरणें डिप्रेशन को हरने वाली होती हैं। नदी या घाट के किनारे सुबह और शाम का माहौल मानिसक सुख को बढ़ाने वाला होता है।
छठ पूजा का व्रत धार्मिक महत्व के साथ स्वास्थ्य लाभ के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। तो व्रत न करने वाले भी इस पूजा में जरूर शामिल हों। छठ पूजा मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है। पूजा में कई रचनात्मक क्रियाएं होती हैं। पूजा पाठ, व्रत के दौरान सात्विक जीवन आदि सब कुछ मानिसक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। नकारात्मक ऊर्जा शरीर से दूर होती हैं और ईर्ष्या, क्रोध आदि से इंसान मुक्त होता है। सूर्य कि किरणें डिप्रेशन को हरने वाली होती हैं। नदी या घाट के किनारे सुबह और शाम का माहौल मानिसक सुख को बढ़ाने वाला होता है।
छठ पूजा का व्रत धार्मिक महत्व के साथ स्वास्थ्य लाभ के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। तो व्रत न करने वाले भी इस पूजा में जरूर शामिल हों।