- फिश ऑयल कैंसर कोशिशकों को बढ़ने से रोकता है
- वेट लॉस, दिल और जोड़ों की बीमारी में जरूर खाएं
- किडनी और आंखों के लिए भी फायदेमंद होता है
कई मछलियां ऐसी हैं जो दिल से लेकर दिमाग तक के लिए बहुत फायदेमंद होती हैं। मछलियों को खाने से शरीर कि कई आम और गंभीर समस्याएं आसानी से घर नहीं करने पातीं। आपको जान कर आश्चर्य होगा कि मछली खाने से ने केवल वेट कम हो सकता है, बल्कि कैंसर कोशिकाओं का बढ़ना भी रुक जाता है। जो मछली नहीं खाते उनके लिए या जो रोज मछली नहीं खा सकते उनके लिए भी विकल्प मौजूद है। यह विकल्प है हेल्दी मछलियों का तेल यानी फिश ऑयल जो कैप्सूल्स के रूप में बाजार में आसानी से मिल जाता है। मछली खाने वालों के लिए तो इसे खाना
आसान होगा लेकिन शायद जो मछली नहीं खाते वह इसे खाने से बचें, लेकिन यहां जो फायदे आज हम बताने जा रहे हैं उसके बाद शायद आप इसे खाने से खुद को रोक न पाएं। कैंसर-हार्ट अटैक और डायबीटीज, मोटापा और कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियां अब किसी भी उम्र में हो जाती हैं। इसी वजह हमारे खान-पान की गलत तरीका ,बिजी लाइफस्टाइल और एक्सरसाइज न करना होता है। ऐसे में इन गंभीर बीमारियों से बचाने में फिश ऑयल काम आता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड, इकोसैपेंटेनोइक एसिड (EPA) और डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड (DHA) से भरा फिश ऑयल सेहत के लिए अमृत से कम नहीं। ये इतना सेफ है कि इसे प्रेग्नेंसी तक में खाना अच्छा माना जाता है।
जानें अद्भुद स्वास्थ्य भरे फिश ऑयल के फायदे
वेट लॉस में कारगर
फिश ऑयल में शरीर की सूजन को कम करने का गुण होता है। इसमें मौजूद डीएचए और ईपीए नामक तत्व वेट लॉस में काफी कारगर होते हैं। यदि आप 6 ग्राम रोजाना फिश ऑयल लेते हैं तो ये आपके शरीर से अतिरिक्त फैट को कम करने का काम करता है। खान के बाद दो या तीन कैप्सूल इसकी खानी चाहिए। ये किडनी शोधन का भी काम करता है।
ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल होगा मैनेज
फिश ऑयल ब्लडप्रेशर और कोलेस्ट्राल को कम करने में भी सक्षम होता है। इसमें मौजूद इकोसैपेंटेनोइक एसिड (EPA) और डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड (DHA) ब्लड प्रेशर को मैनेज करती हैं और धमनियों में कोलेस्ट्रॉल के जमाव को कम करती हैं इससे दिल या दिल से जुड़ी बीमारियां, कोलेस्ट्राल आदि कि दिक्कत भी दूर होती है।
कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने नहीं देता
कैंसर से बचने या कैंसर रोगियों को फिश ऑयल जरूर खाना चाहिए क्योंकि इसमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड कैंसर कोशिशकाओं को बढ़ने नहीं देता। साथ ही ये इम्युन को भी मजबूत बनाता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड के रोज सेवन से ब्रेस्ट, कोलन और प्रोस्टेट कैंसर से बचा जा सकता है।
गठिया के दर्द से राहत दिलाता है
फिश ऑयल एंटीइंफ्लेमेटरी व ओमेगा-3 ईपीए के गुणों से भरा होता है जो जोड़ों के दर्द को कम करता है। इसे ऑयल को खाने से जोड़ों के लिगामेंट्स में भी स्मूथनेस आती है। ये शरीर को गर्म रखने में भी मदद करता है। इसलिए जिन्हे गठिया, जोड़ों का दर्द हो उन्हें इस ऑयल का सेवन शुरू कर देना चाहिए।
तेज दिमाग और आंखों के लिए
बढ़ती उम्र के साथ दिमाग भी कमजोर होने लगता है और आंखें भी। ऐसे में ओमेगा-3 फैटी एसिड न केवल हमारी आंखों की रोशनी को बढ़ाता हैं, बल्कि मोतियाबिंद जैसी समस्या से भी बचाता है। साथ ही दिमाग को एक्टिव बनाने और याददाश्त बढ़ाने में भी इस ऑयल का कोई तोड़ नहीं होता।
प्रेग्नेंसी में मां और शिशु दोनों के लिए लाभप्रद
छह महीने की प्रेग्नेंसी के बाद से मां को ओमेगा थ्री फैटी एसिड का सेवन बढ़ा देना चाहिए। इससे गर्भस्थ शिशु का दिमाग और विकास दोनों तेज होता है। साथ ही प्रेग्नेंसी के दौरान आम जटिलताएं भी कम होती हैं और पूर्व प्रसव भी नहीं होने पाता।
फिश ऑयल के अब इतने फायदे जानने के बाद शायद ही आप इसे खाने से खुद को रोक पाएं।