- नेजल स्प्रे वैक्सीन का उपयोग नाक के जरिए किया जाता है जो शरीर में कोविड-19 के ओरिजन पर हमला करता है।
- वैज्ञानिकों के अनुसार, शरीर में मजबूत इम्यून रिस्पॉन्स को बढ़ाता है नेजल स्प्रे वैक्सीन।
- खबरों के मुताबिक, भारत बायोटेक की इंट्रानसल वैक्सीन BBV154 अभी ह्यूमन ट्रायल के पहले चरण में है।
कोरोनावायरस के पहले और दूसरे लहर ने भारत के सभी तंत्रों को झकझोर कर रख दिया है। महामारी के प्रभाव से देश की जनता का बुरा हाल हो गया है। फिलहाल, कोरोना संक्रमण के रोजाना दर्ज किए जा रहे मामलों में कमी देखी जा रही है मगर अभी भी विशेषज्ञ लोगों को सभी आवश्यक नियमों का पालन करने की हिदायत दे रहे हैं। सरकार और स्वास्थ्य संगठन से जुड़े अधिकारी लोगों को टीका लेने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। बड़े पैमाने पर लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित किया जा रहा है। समय-समय पर सरकार लोगों के सामने आकर टीका से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी दे रही है और सभी मिथ्यों को दूर करने का प्रयास कर रही है।
इसी बीच कोरोनावायरस की तीसरी लहर से देश की जनता को बचाने के लिए कवायद शुरू हो गई है। सरकार ने बताया कि देश में कोरोनावायरस वैक्सीन के उत्पादन को बढ़ाया जा रहा है और देश के छोटे से छोटे कस्बों तक उन्हें पहुंचाने की तैयारी की जा रही है। सोमवार को प्रधानमंत्री ने देश को संबोधन के दौरान उन्होंने यह जानकारी दी कि भारत में नेजल स्प्रे पर रिसर्च किया जा रहा है। अगर यह रिसर्च सफल रहा तो भारत में टीकाकरण अभियान को आगे बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी।
what is nasal spray flu vaccine, क्या होता है नेजल स्प्रे वैक्सीन
अभी तक भारत में कोरोनावायरस की वैक्सीन सुई से दी जा रही थी मगर नेजल वैक्सीन नाक से स्प्रे करके दी जाती है। नेजल स्प्रे का लक्ष्य होता है कि वैक्सीन के डोज को सीधा सांस के रास्ते पहुंचाया जाए ताकि यह वैक्सीन सीधा उस जगह को अपना निशाना बनाए जहां से कोविड-19 इंफेक्शन शरीर को अपने चपेट में लेना शुरू किया था।
कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार पिछले साल, वैज्ञानिकों ने कोविड-19 को जड़ से हटाने के लिए वैक्सीन का निर्माण किया था जिससे नाक के जरिए दिया जा सके। वैज्ञानिकों का यह प्रयोग चूहे में संक्रमण रोकने के लिए प्रभावी साबित हुआ था। नेजल स्प्रे शरीर में अधिक इम्यून रिस्पांस को बढ़ावा भी देता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी यह कहा था कि अगर भारत में नेजल स्प्रे का प्रयोग सफल रहेगा तो यह बच्चों के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है। आपको बता दें कि भारत बायोटेक जैसी कंपनी नेजल स्प्रे के रिसर्च में लगी हुई है। भारत बायोटेक की इंट्रानसल वैक्सीन BBV154 फिलहाल क्लिनिकल ट्रायल में है।
क्या होंगे नेजल वैक्सीन के फायदे, Intranasal vaccine benefits in hindi
विशेषज्ञों द्वारा यह कहा जा रहा है कि नेजल वैक्सीन का फायदा हेल्थ केयर वर्कर्स को होगा क्योंकि इस तरह वैक्सीन देने के लिए किसी हेल्थ केयर वर्कर की जरूरत नहीं पड़ती है। इस वैक्सीन को बनाने के लिए कोरोनावायरस के कमजोर शक्ल का उपयोग किया जाता है। कहा जा रहा है कि नेजल वैक्सीन सीधा उस जगह को प्रभावित करती है जहां से कोरोनावायरस शरीर में फैलना शुरू होता है। इस जगह को अपना निशाना बना कर वह मजबूत इम्यून रिस्पांस को बढ़ावा देता है जिससे वायरस के खिलाफ सुरक्षा मिलती है और उसके ट्रांसमिशन पर रोक लगाती है। ऐसा करने से यह वायरस लंग्स को क्षति पहुंचाने में असक्षम रहता है। इसके साथ बच्चों को कोरोनावायरस के तीसरे लहर से बचाने के लिए भी यह वैक्सीन मददगार साबित हो सकती है। अगर इस वैक्सीन का ट्रायल सफल रहेगा तो भारत में टीकाकरण को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सकता है।
intranasal vaccine bharat biotech, भारत बायोटेक का इंटरानेजल वैक्सीन
जानकार यह बता रहे हैं कि, भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन अभी ह्यूमन ट्रायल के पहले चरण में है। कंपनी द्वारा यह बताया जा रहा है कि नेजल वैक्सीन कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकती है तथा उसके खिलाफ प्रभावी साबित होती है। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, यह कहा जा रहा है कि भारत बायोटेक साल के अंत तक 10 करोड़ नेजल वैक्सीन का उत्पादन कर सकती है।