How to avoid ADHD: एडीएचडी ग्रसित इंसान एक ही गलती बार-बार करता है। अपनी जिम्मेदारियों को वह भूलता जाता है। क्योंकि ये मानसिक बीमारी है इसलिए उसके साथी को ये बीमारी समझ में नहीं आती और वह अपने पार्टनर को लापरवाह मानने लगता है। उसे लगता है कि वह जानबूझ कर या लापरवाही में अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ रहा है। इन आदतों के लंबे समय तक चलते रहने के कारण रिलेशनशिप में काफी तनाव आ जाता है।
एडीएचडी ग्रसित इंसान किसी काम को लाख कोशिश के बाद सही से नहीं कर पाता। हालांकि ये बीमारी बचपन में ही नजर आने लगती है लेकिन पेरंट्स को लगता है कि बड़े होने पर यह सही हो जाएगा लेकिन ये मानसिक बीमारी होती है। ये सही नहीं होती अगर इसका इलाज न किया जाए। आइए आज एडीएचडी बीमारी के उन पांच कारणों को जाने जिनसे रिश्ते खराब होने लगते हैं। जब आपको ऐसी समस्याएं नजर आने लगे तो आप मनोचिकित्सक की मदद जरूर लें।
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जिम्मेदारियों के प्रति उदासीनता : अगर आपको अपने पार्टनर में जिम्मेदारियों के प्रति उदासीनता नजर आती हैं तो आप इसे नजरअंदाज न करें। बल्कि उनकी समस्या को समझने का प्रयास करें। एडीएचडी ग्रसित व्यक्ति छोटी ही नहीं बड़ी चीजें भी भूल जाता है। जैसे बच्चे को स्कूल से लेना, छोड़ना, बिल जमा करना, यहां तक कि कई बार नहाना भी।
अपनी बात बताने में असमर्थ : एडीएचडी ग्रसित व्यक्ति न केवल दूसरों की बातों को समझ पाते हैं बल्कि खुद की बात को समझाने और बताने में भी असमर्थ होता है। यही कारण है कि उस इंसान को किसी जिम्मेदारी या बात की महत्वता का फर्क नहीं पड़ता क्योंकि वह इसे समझ ही नहीं पा रहा होता है।
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उत्तेजित रहना : एडीएचडी ग्रसित व्यक्ति हमेशा एक अलग उत्तेजना में रहते हैं। उनमें लापरवाही होती है और जब उन्हें इस चीज के लिए टोका जाता है ये बहुत जल्दी उत्तेजित हो जाते हैं। कई बार उत्तेजना में ये कई बार बहुत गलतियां भी कर जाते हैं। जैसे जोखिम भरे स्टंट किया।
ऐसे करें साथी की मदद
इस बीमारी का इलाज मनोचिकित्सा में हैं सही समय पर अगर मरीज का इलाज करा लिया जाए तो इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है। इस बमारी को सबसे पहले समझना जरूरी है। अगर आपको अपने साथी में ऐसे लक्षण दिखते हैं तो उसपर नाराज होने की जगह उसकी समस्या को समझें और उसे चिकित्सक की मदद दिलाएं।
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