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यौन दुर्बलता से लेकर ब्‍लड प्रेशर दुरुस्‍त करने तक, सिंघाड़े के आटे में हैं ये गजब के फायदे

Singhare ka atta
Updated Apr 10, 2021 | 15:46 IST

Singhare ke aate Ke Fayde: सिंघाड़ा को अगर आप सेहत का खजाना कहें तो गलत नहीं होगा। आपको दुरुस्‍त रखने के साथ साथ सिंघाड़ा कई बीमारियों को बिना दवाई ठीक कर देता है।

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Singhare ka attaSinghare ka atta
Singhare ka atta
मुख्य बातें
  • 2-3 चम्मच सिंघाड़े का आटा खाकर गुनगुना दूध पीने से वीर्य में बढ़ोतरी होती है।
  • सिंघाड़े में निमैनिक और लॉरिक जैसे एसिड होते हैं तो बालों को नुकसान पहुंचने से बचाते हैं।

सिंघाड़ा को अगर आप सेहत का खजाना कहें तो गलत नहीं होगा। आपको दुरुस्‍त रखने के साथ साथ सिंघाड़ा कई बीमारियों को बिना दवाई ठीक कर देता है। अगर आप सिंघाड़े के आटे को अपनी डाइट में शामिल करेंगे और इसका सेवन करेंगे तो कम समय में कई फायदों को देख पाएंगे। तालाबों तथा रुके हुए पानी में पैदा होने वाले सिंघाड़े के फूल अगस्त में आ जाते हैं, जो सितम्बर-अक्तूबर में फल का रूप ले लेते हैं। बाजार में इसका फल और आटा दोनों ही मिलते हैं। सिंघाड़ा अपने पोषक तत्वों और अनूठे स्वाद की वजह से खूब पसंद किया जाता है।

सिंघाड़े में विटामिन-ए, सी, मैंगनीज, थायमाइन, कर्बोहाईड्रेट, टैनिन, सिट्रिक एसिड, रीबोफ्लेविन, एमिलोज, फास्फोराइलेज, एमिलोपैक्तीं, बीटा-एमिलेज, प्रोटीन, फैट और निकोटेनिक एसिड जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं।

इन समस्‍याओं में है कारगर
सिंघाड़ा यौन दुर्बलता को दूर करता है। 2-3 चम्मच सिंघाड़े का आटा खाकर गुनगुना दूध पीने से वीर्य में बढ़ोतरी होती है। कभी-कभी किसी बीमारी के कारण सेक्चुअल स्टैमिना में कमी आ जाती है। ऐसी स्थिति में भी सिंघाड़े का आटा वरदान का काम करता है।

बाल झड़ने की समस्या से निजात

वहीं बाल झड़ने की समस्या से भी निजात दिलाता है। सिंघाड़े में निमैनिक और लॉरिक जैसे एसिड होते हैं तो बालों को नुकसान पहुंचने से बचाते हैं। सिंघाड़ा नियमित रूप से खाने से सांस संबधी समस्याओं में आराम मिलता है।

गर्भाशय की दुर्बलता देर करे

गर्भाशय की दुर्बलता व पित्त की अधिकता से गर्भावस्था पूरी होने से पहले ही जिन स्त्रियों का गर्भपात हो जाता है, उन्हें सिंघाड़ा खाने से लाभ होता है।

थायरॉयड में भी फायदेमंद
सिंघाड़े में मौजूद आयोडीन, मैग्नीज जैसे मिनरल्स थायरॉइड और घेंघा रोग की रोकथाम में अहम भूमिका निभाते हैं। यह रक्तपित्त तथा मोटापा कम करने में फायदेमंद होता है। तपेदिक के कष्ट से परेशान हैं तो सिंघाड़ा का आटा सेवन करने पर लाभ मिलता है।

पीलिया की बीमारी में राहत

पीलिया के बीमारी में शरीर में पित्त दोष बढ़ जाता है। सिंघाड़े में पित्त शामक गुण होते हैं जोकि काफी लाभदायक होता है। सिंघाड़ा के आटे में उच्‍च रक्‍तचाप के जोखिम को कम करने की ताकत है।