Cancer Causing Foods: कैंसर के पीछे ज्यादातर हमारा खानापान और गलत लाइफस्टाइल ही जिम्मेदार होता है। रिसर्च बताते हैं कि 10 में से 1 कैंसर का संबध डाइट से होता है। संतृप्त वसा, लाल माँस और आहार में नमक की अधिकता और फाइबर की कमी, कैंसर को खतरे को बढ़ाती है। उच्च तापमान पर खाना पकाने से जो रसायन निकलते हैं वह कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाते हैं। इतना ही नहीं दूध में कैल्शियम की मात्रा आंत के कैंसर के खतरो को कम करती है।
दूसरी तरफ डेयरी प्रोटीन की अधिक मात्रा का सेवन प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को बढ़ाता है। शराब और मसालेदार खाना पेट के कैंसर के लिये जिम्मेदार होता है वहीं शराब जिगर, मुँह, आँत, गले, भोजन नली और स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ाती हैं। कुल मिलाकर डाइट का कैंसर से जुड़ा है अगर सही खानापन न हो तो कैंसर का इंसान आसानी से शिकार हो जाता है। तो आइए कुछ खास कैंसरकार फूड्स के बारे में जानें जिन्हें खाने से परहेज करना ही सही होगा।
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इन आहार को खाने से हो सकता है कैंसर
एल्कोहल
एल्कोहल के अधिक सेवन से डायबिटीज, मोटापा और कैंसर जैसी बीमारियों का कारण होता है। जो लोग शराब पीते हैं उनके जींन में वंशानुगत कैंसर होते हैं। ऐसे लोगों में कैंसर का खतरा बहुत होता है। वहीं महिलाएं भी एल्कोहल की आदि हो रही हैं उन्हें और यही कारण है कि स्तन कैंसर की दर में 30 प्रतिशत की वृद्दि हुई है।
रेड मीट
रेड मीट खाने वालों में कैंसर का खतरा सफेद मीट खाने वालों की तुलना में दस प्रतिशत अधिक होती है। रेड मीट में लिनोलिक एसिड का गुण होता है,लेकिन अगर रोज इसे खाया जाए तो ये खतरनाक होता है। यह स्तन, बड़ी आंत एवं प्रॉस्टेट कैंसर के खतरे को बढ़ाने में भी सहायता करता है। यह सलाह दी जाती है कि सप्ताह में 300 ग्राम से अधिक रेड मीट का सेवन नहीं करना चाहिए।
चीनी
चीनी ज्यादा खाना वैसे भी सेहत के लिए अच्छा नही होता है। मोटापे और डायबिटीज का मुख्य कारण होती है चीनी। लेकिन इससे भी बड़ा कारण कैंसर का होता है। चीनी में इस्तेमाल होने वाला आर्टिफिशियल स्वीटनर कई तरह का केमिकल यूज होता है।आर्टिफिशियल स्वीटनर से सिरदर्द, याददाश्त की कमी, अचानक चक्कर आकर गिर पड़ना और कैंसर जैसी बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। इसके सेवन से मस्तिष्क ट्यूमर की संभावना बनी रहती है।
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मैदा
मैदा आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है। इसमें सैचुरेटेड फैट की बहुत अधिक होता है। सैचुरेटेड फैट का संबंध कैंसर से होता है। इसमें अधिक केमिकल और क्लोरीन गैस होती है। इसका शरीर पर बुरा असर पड़ता है। सफेद चावल भी अम्लीय खाद्य पदार्थ की सूची में आते है, क्योंकि इसमें ब्राउन चावल की तुलना में शुगर की मात्रा बहुत अधिक होती है। अगर किसी को कैंसर के शुरुआती लक्षण दिखें तो इसे खाने से बचना चाहिए।
माइक्रोवेव वाले पॉपकॉर्न
माइक्रोवेव में अगर आपको पॉपकार्न बनाने की आदत है या खाते हैं तो सावधान हो जाएं। ये कैंसर का कारण बन सकता है। ओवन में पॉपकॉर्न बनाते समय इसमें एक (PFOA) केमिकल डाला जाता है जो बहुत खतरनाक होता है। इसके खाने से लोगों का किडनी, मूत्राशय, लीवर और आंत कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। एक अध्ययन के अनुसार माइक्रोवेव में बने पॉपकार्न का प्रयोग करने से फेफड़ों के कैंसर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
डोनट्स
डोनट्स कैंसर के खतरे को एक बड़ा कारण होता है। डोनट्स सफेद आटे, चीनी और हाइड्रोजेनेटेड ऑयल से बनता है और इसमें उपस्थित चीनी की मात्रा शरीर में इंसुलिन की मात्रा को प्रभावित करती है और कैंसर इन कोशिकाओं की वृद्धि तथा विभाजन को प्रोत्साहित करती है, खासकर अग्नाशय के कैंसर में।
हॉट डाग्स और सॉस
हॉट डाग्स और सॉस में बहुत अधिक मात्रा में नमक और केमिकल होता है। इसमें सोडियम नाइट्रेट स्मोक्टड होता है। जिससे कैंसर की उत्पत्ति होती है। अध्ययन के अनुसार, इसका नियमित सेवन करने वाले लोगों में सामान्य लोगों के मुकाबले 43 प्रतिशत लोगों की मौत में वृद्धि हुई है।
तो याद रखिए खाने-पीने में हमेशा सजगता बरतें ताकि कैंसर और इस जैसी गंभीर बीमारियों से बचा जा सके। अच्छी डाइट और एक्सरसाइज के जरिये आप आसानी से इससे बच सकेंगे।
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