- भारतीय महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतों में सबसे आम कारण है सर्वाइकल कैंसर।
- भारत में हर 8 महिला में से एक महिला है स्तन कैंसर से पीड़ित, हर साल लगभग 1 मिलियन से अधिक मामले आते हैं।
- जिन महिलाओं में 40 साल से कम उम्र में स्तन कैंसर होता है उनमें ओवेरी कैंसर का खतरा अधिक होता है।
कैंसर का नाम सुनकर लोग सहम जाते हैं, ह्रदय रोग के बाद कैंसर दूसरी सबसे भयावह बीमारी है। जिसमें यदि सही समय पर इलाज ना किया जाए तो व्यक्ति का बचना नामुमकिन होता है। ह्रदय रोग के बाद कैंसर महिलाओं मे मृत्यु का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। जी हां आपको बता दें 75 वर्ष की ऊपर की महिलाओं में 94 फीसदी कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन इन दिनों कम उम्र की महिलाएं भी कैंसर की चपेट में आ रही हैं। बता दें महिलाओं में कैंसर 6 से 7 प्रकार के देखे जाते हैं। जिनकी यदि सही समय पर पहचान कर इलाज ना किया गया तो यह अत्यंत दुखदाई बन जाता है औऱ फिर उसे बचा पाना मुश्किल हो जाता है। टाइम्स नाऊ आपको इस भयावह बीमारी के लक्षण औऱ इलाज की प्रक्रिया को समझने में मदद करेगा। आइए जानते हैं।
सर्वाइकल कैंसर
भारतीय महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतों में सबसे आम कारण सर्वाइकल कैंसर है। आपको बता दें कैंसर से होने वाली कुल मौतों का 11.1 प्रतिशत सर्वाइकल कैंसर होता है। आंकड़ों के अनुसार समय पर इलाज ना होने के कारण 15 से 45 वर्ष की आयु में ये कैंसर मौत का सबसे बड़ा कारण है। लेकिन ये एक ऐसी कैंसर की बीमारी है जिसका यदि सही समय पर पहचान और जांच किया जाए तो इसे ठीक किया जा सकता है यानि इसका इलाज हो सकता है।
- इसके कारण
ये गर्भाशय में कोशिकाओं के अनियमित बढ़ोत्तरी के कारण होता है। वही कई बार ये ह्रायूमन पैपोनिमा वायरस यानी एचपीवी की वजह से भी होता है। इसके अलावा बार बार प्रेग्नेंसी होना, एक से ज्यादा पार्टनर के संभोग ये भी इस बामारी का सबसे बड़ा कारण है।
- इसके लक्षण
सर्वाइकलकैंसर के दौरान महिलाओं में अधिक रक्तस्त्राव, संभोग के दौरान दर्द औऱ खून आना, पेशाब के दौरान दर्द औऱ जलन होना, योनि स्त्राव, पीठ में दर्द और भूख ना लगना आदि सामान्य लक्षण हैं। प्रारंभिक स्टेज पर इस बीमारी का इलाज कर इससे निजात पाया जा सकता है। इससे बचने के लिए महिलाओं को नियमित रूप से चेकअप कराना जरूरी है। इसके साथ ही हर तीन साल में पैप स्मीयर टेस्ट करवाएं। एचपीवी वायरस से बचने के लिए टीके लगवाएं तथा फिजिकल रिलेशन बनाते वक्त सावधान रहें।
स्तन कैंसर
भारत में हर आठ में से एक महिला स्तन कैंसर से ग्रस्त है। भारत में स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाओं की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर साल लगभग 1 मिलियन से अधिक स्तन कैंसर के मामले सामने आते हैं। यह बीमारी किसी भी उम्र की महिलाओं को अपने चपेट में ले सकती है, लेकिन आमतौर पर शादीशुदा महिलाओं में इसका जोखिम अधिक बढ़ जाता है।
स्तन कैंसर में आमतौर पर स्तन या निप्पल का लाल हो जाना, स्तन से खून जैसे द्रव का बहना, स्तन में गांठ बनना, बांह या गर्दन के नीचे गांठ का बनना या सूजन आना इसके सामान्य लक्षण हैं। आपको बता दें स्तन कैंसर पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ता है। यदि किसी रिश्ते में किसी सगे को स्तन कैंसर है या हुआ है तो अन्य की तुलना में करीब दोगुनी से ज्यादा संभावना हो जाती है। ऐसे में इससे बचने के लिए महिलाओं को नियमित तौर पर जांच करवाना जरूरी है। मैमोग्राम या अल्ट्रासाउंड द्वारा इस बीमारी का पता लगाया जा सकता है।
एंडोमेट्रियल कैंसर
गर्भाशय (एंडोमेट्रियल कैंसर) कैंसर गर्भाशय में कोशिकाओं के तेजी से बढ़ने के कारण होता है। मोटापा, डायबिटीज, अनियमित ब्लीडिंग, ब्लीडिंग के साथ पेड़ू में दर्द होना,रजनोवृत्ति, हाइपरटेंशन और तेजी से वजन कम होना एंडोमेट्रियल कैंसर के सामान्य से लक्षण हैं। जिन महिलाओं में लक्षण नहीं देखे जाते उनमें इस बीमारी का पता नहीं लगाना मुश्किल हो जाता है। क्योंकि इस बीमारी का पता करने के लिए कोई चेकअप मौजूद नहीं है।
ओवेरी कैंसर
ओवेरी कैंसर बचपन से बुढ़ापे तक किसी भी उम्र में महिलाओं को हो सकता है। लेकिन 50 साल से अधिक उम्र की महिलाओं में इसका खतरा अधिक रहता है। आपको बता दें अधिकतर महिलाओं को इसका पता अंतिम स्टेज पर चलता है। जब ओवेरी में किसी तरह का घाव या विकार हो जाता है तो कैंसर की शुरुआत होनी शुरु हो जाती है। यह कैंसर पीढ़ी दर पीढ़ी अधिक देखी जाती है। वहीं एक रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें जिन महिलाओं में 40 साल से कम उम्र में स्तन कैंसर होता है उनमें ओवेरी कैंसर का खतरा अधिक रहता है।
थायराइड कैंसर
राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के अनुसार महिलाओं में थायराइड कैंसर की संभावना पुरुषों की तुलना में तीन गुना अधिक देखा जाता है। आपको बता दें थायराइड कैंसर की संभावना तब अधिक होती है जब थायराइड कोशिकाओं में आनुवांशिक परिवर्तन होता है। गर्दन में गांठ औऱ सूजन, निगलने में कठिनाई, ठंड ना होते हुए भी खांसी की समस्या, गला बैठना, आवाज में समस्या, आंख संबंधी समस्या, बालों का झड़ना औऱ स्किन ड्राई होना, एकदम से वजन घटना और बढ़ना इसके सामान्य से लक्षण हैं। सही समय पर इस बीमारी का जांच कराने पर इलाज हो सकता है।
कोलन कैंसर
कोलन कैंसर एक प्रकार का कैंसर है जो बड़ी आंत से शुरु होता है और इसे कोलेरेक्टल कैंसर भी कहा जाता है। यह पुरुषों औऱ महिलाओं में कैंसर का तीसरा सबसे आम कैंसर है। इस कैंसर के कारण वैश्विक स्तर पर प्रति वर्ष लगभग 862000 मौतों का कारण बनता है। खानपान औऱ जीवनशैली में बदलाव इसका सबसे बड़ा कारण है। कभी कभी कोशिका विभाजन के दौरान एक स्वस्थ कोशिका डीएनए में बदलाव आने के कारण भी यह होता है। डायबिटीज, धुम्रपान, शराब का सेवन मोटापा इसका बड़ा कारण है।
ध्यान दें
जीवनशैली एवं खानपान में सुधार और नियमित तौर पर स्वस्थ रहने के लिए व्यायाम की आदत आपको इस गंभीर बीमारी के संक्रमण से दूर रखने मे मदद कर सकती है। तथा ऊपर दिए किसी भी तरह के लक्षण देखे जाने पर आप तुरंत डॉक्टर की सलाह लें और जांच करवाएं। आपको बता दें शुरुआती स्टेज पर कैंसर का पता लगने पर इसका इलाज कर इस भयावह बीमारी के प्रकोप से बचा जा सकता है। अन्यथा यह अपना भयावह रूप धारण कर लेता है।