नई दिल्ली: सर्वे में यह बात सामने आई है कि बैड फैट खाने से शरीर में मोटापा बढ़ता है। वहीं रोजाना के काम पूरा करने के लिए हमारी बॉडी कार्बोहाइड्रेट का एनर्जी के रूप में इस्तेमाल करती है और प्रोटीन का इस्तेमाल मसल्स की रिपेयरिंग में करती है। इसलिए डायट में बैड फैट को कम करना चाहिए और अच्छे फैट की मात्रा बढ़ानी चाहिए। इससे वजन संतुलित रहता है और मोटापा की नौबत नहीं आती है। आपके शरीर का वजन संतुलित हो इस बात का आपको खास ध्यान रखना चाहिए।
गुड फैट की कैटेगरी में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड आते हैं, जो असल में फैट कम करने का काम करते हैं। यह हमारे मेटॉबोलिक रेट को भी बढ़ाते हैं। मेटॉबोलिक रेट से पता चलता है कि हमारी बॉडी स्टोर की गई कितनी एनर्जी खर्च कर रही है। इसके उलट आपको मीट में पाए जाने वाले सैचुरेटेड फैट की मात्रा को थोड़ा बढ़ाना चाहिए।
अगर आप फैट कम करना चाहते हैं, तो सिर्फ निश्चित समय पर ही कार्बोहाइड्रेट खाना चाहिए, जिससे आपकी बॉडी फैट बर्निंग जोन में जा सके। कार्बोहाइड्रेट में आपको सिर्फ कॉम्पलैक्स कार्बोहाइड्रेट खानी चाहिए जो बॉडी में जाकर बिना इंसुलिन का लेवल बढ़ाए मेटॉबोलिज्म को बढ़ा देती है। मेटॉबोलिज्म का लेवल बढ़ने से बॉडी में फैट तेजी से कम होने लगता है और वजन संतुलित होने की तरफ बढ़ता है।
ब्राउन राइस, बीन्स, ओट्स और आलू में कॉम्पलैक्स कार्बोहाइड्रेट होता है। हालांकि बॉडी में तेजी से एनर्जी देने वाली सिंपल शुगर कार्बोहाइड्रेट से आपको परहेज करना चाहिए। यह आपके इंसुलिन लेवल को भी बढ़ा देती है जिससे फैट बढ़ने लगता है। सामान्य तौर पर इस कार्बोहाइड्रेट में सबसे ज्यादा कैलोरी होती हैं।
कॉम्पलैक्स कार्बोहाइड्रेट को शाम को 6 बजे से पहले खाना चाहिए। यह बिना इंसुलिन लेवल को बढ़ाए, धीरे-धीरे शरीर को एनर्जी देती है। साथ ही आप सिंपल कार्बोहाइड्रेट भी ले सकते हैं। आपको एक्सरसाइज के तुरंत बाद सिंपल कार्बोहाइड्रेट लेनी चाहिए, जिससे बॉडी ग्लाइकोजेन के रूप में इसे तुरंत स्टोर कर लेती है। इस दौरान आपको फैट खाने से बचना चाहिए।
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