- आठवें वेतन आयोग को लेकर चल रही थीं तमाम तरह की बातें
- केंद्र सरकार की ओर से किया गया साफ- नहीं कर रहे इस पर विचार
- केंद्रीय राज्य वित्त मंत्री की ओर से लिखित जवाब में दी गई जानकारी
आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर हाल-फिलहाल में काफी अटकलें लगाई जा रही थीं। इस बीच, केंद्र सरकार की ओर से साफ कर दिया गया कि आठवां वेतन आयोग विचार के अधीन नहीं है। केंद्रीय राज्य वित्त मंत्री पंकज चौधरी ने एक लिखित जवाब के जरिए साफ किया कि ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन "नहीं" है।
दरअसल, वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि "क्या यह सच है कि सरकार केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन, भत्ते और पेंशन को संशोधित करने के लिए आठवें केंद्रीय वेतन आयोग (सीपीसी) का गठन नहीं करने पर विचार कर रही है?"
हालांकि, सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के अनुसार केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को दिए जाने वाले वेतन, भत्ते और पेंशन की समीक्षा के लिए एक और वेतन आयोग का गठन करने की आवश्यकता नहीं हो सकती है।
चौधरी ने संसद के उच्च सदन राज्यसभा को सूचित किया कि सातवें वेतन आयोग के अध्यक्ष ने "अनुशंसा की थी कि 10 साल की लंबी अवधि की प्रतीक्षा किए बिना समय-समय पर मैट्रिक्स की समीक्षा की जा सकती है।"
मंत्री के मुताबिक, “इसकी (पे मैट्रिक्स) समीक्षा और संशोधन एक्रोयड फॉर्मूले (Aykroyd Formula) के आधार पर किया जा सकता है, जो आम आदमी की 'बास्केट' बनाने वाली चीजों की कीमतों में बदलाव को ध्यान में रखता है। इसकी हिमाचल प्रदेश के शिमला में श्रम ब्यूरो समय-समय पर समीक्षा करता है। यह सुझाव दिया जाता है कि इसे किसी अन्य वेतन आयोग की प्रतीक्षा किए बिना समय-समय पर उस मैट्रिक्स के संशोधन का आधार बनाया जाना चाहिए।”
यह भी पूछे जाने पर कि क्या सरकार उच्च डब्ल्यूपीआई (WPI) मुद्रास्फीति को देखते हुए महंगाई भत्ता और महंगाई राहत दरों में वृद्धि करेगी? चौधरी ने कहा- यह जरूरी नहीं था, क्योंकि डीए/डीआर शिमला में श्रम ब्यूरो की ओर से मुहैया किए गए एआईसीपीआई-आईडब्ल्यू (AICPI-IW) डेटा पर आधारित है।
वैसे, केंद्र सरकार के कर्मी और पेंशनभोगी डीए/डीआर दरों में एक और बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे हैं। इस संबंध में सरकार जल्द ही फैसला ले सकती है। इस बीच, त्रिपुरा की राज्य सरकार ने एक जुलाई से राज्य सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते और महंगाई राहत में क्रमशः पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।