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CAA पर पाकिस्तानियों को अदनान सामी की दो टूक, दे डाली ये सलाह

Updated Dec 26, 2019 | 19:37 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर पूरे देश में बहस छिड़ी हुई है। इस बहस में पाकिस्तान के भी कुछ लोग सोशल मीडिया पर अपनी राय रख रहे हैं। इस पर अब अदनान सामी ने उन्हें तीखा जवाब दिया है।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
अदनान सामी
मुख्य बातें
  • नागरिकता संशोधन कानून पर अदनान सामी ने पाकिस्तानियों को दी ये सलाह
  • भारत के आंतरिक मामले पर बहस करने वाले पाकिस्तानियों को अदनान ने दो टूक में दिया जवाब
  • उन्होंने पाकिस्तानियों से कहा कि आप पहले ये स्वीकार करें कि वे आपको छोड़ना चाहते हैं

नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर पूरे देश में बहस छिड़ी हुई है। देश के अलग-अलग कोने से इसके विरोध में हिंसा की खबरें आ रही हैं जिसमें अब तक कई लोगों की जानें जा चुकी हैं। वहीं दूसरी ओर इस पर राजनीति भी जमकर हो रही है।एक तरफ जहां अलग-अलग राजनीतिक दलों के नेता कार्यकर्ता इस मुद्दे पर अपनी राजनीतिक रोटी सेंक रहे हैं वहीं आम नागरिक भी इसके विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं।

इस कानून के विरोध में जहां भारत में लोग सड़कों और सोशल मीडिया पर सामने आ रहे हैं वहीं पाकिस्तान में भी लोग इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर बहस कर रहे हैं। अब इस पर सिंगर अदनान सामी ने पाकिस्तानियों को कड़ी सलाह दी है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा- डियर पाकी (प्रिय पाकिस्तानी) जो बिन बुलाए ही भारत के आंतरिक नागरिकता संशोधन कानून (CAA) की बहस में शामिल हो गए हैं उन्हें मेरी तरफ से दो सलाह है।

पहली तो ये कि अगर आप मुसलमानों की वकालत कर रहे हैं तो सबसे पहले ये स्वीकार करें कि वे आपको छोड़ना चाहते हैं। उनकी ये ख्वाहिश आपके अस्तित्व की हार को दर्शाता है। दूसरी बात ये है कि अगर आप उन मुसलमानों के लिए चिंतित हैं तो उनके लिए अपने बॉर्डर खोल दें। 

जानिए क्या है नागरिकता संशोधन कानून (CAA)
लोकसभा और राज्यसभा से पास होने के बाद राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होते ही नागरिकता संशोधन बिल ने कानून का रुप ले लिया है। इस कानून के बनते ही देश के अलग-अलग हिस्सों में इसके विरोध में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। इस कानून के तहत अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से उन धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता प्रदान की जाएगी जो धार्मिक प्रताड़ना की वजह से भारत आए।

इस कानून से हिंदू, सिख, ईसाई, जैन, पारसी और बौद्ध समाज का फायदा मिलेगा। इस कानून के साथ लोगों के मन में ये डर है कि सिर्फ हिंदू, सिख, पारसी, जैन, बौद्ध, ईसाई को नागरिकता दी जाएगी और मुस्लिमों को इससे बाहर रखा जाएगा। लोगों का मानना है कि सरकार धर्म के आधार पर बंटवारा कर रही है।

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