- उत्तर प्रदेश के अस्पतालों में मंकी पॉक्स को लेकर अलर्ट जारी
- International Travel History वाले व्यक्तियों को पर नजर रखने का फैसला
- इस बीमारी की इनक्यूबेशन पीरियड 7 से 14 दिन है
Monkeypox Update: दुनिया भर में मंकीपॉक्स (Monkeypox Cases) के मामले बढ़ रहे हैं। इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश ने International Travel History वाले व्यक्तियों को पर नजर रखने का फैसला किया है। संक्रामक रोगों के निदेशक के अधिकारी ने कहा कि चकत्ते वाले लोगों और अंतर्राष्ट्रीय यात्रा करके आए लोगों की निगरानी करने की जरूरत है। विभाग ने एक एडवाइजरी जारी कर कहा कि अंतरराष्ट्रीय यात्रा के इतिहास वाले दूसरे राज्यों से आने वाले यात्रियों पर भी ध्यान दिया जाएगा।
स्वास्थ्य अधिकारियों को मानक संचालन प्रक्रियाओं (SoP) का पालन करने का निर्देश दिया गया है। एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि संदिग्ध मरीजों को तब तक आइसोलेशन में रहने की जरूरत है जब तक कि उन्हें रैशेज वाली जगह पर नई त्वचा न मिल जाए या डॉक्टर आइसोलेशन खत्म करने की सलाह न दें। ब्लड और थूक के सैंपल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे और कॉन्टैक्ट-ट्रेसिंग को भेजे जाएंगे।
Monkeypox Virus Infection: मंकीपॉक्स का है सेक्स से कनेक्शन! बीमारी पर WHO ने दी बड़ी जानकारी
राज्य के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को भेजे गए परामर्श के अनुसार, जो लोग किसी मरीज के संपर्क में आए हैं, उनकी पिछले 21 दिनों की अवधि तक जांच की जानी चाहिए।
'Monkeypox एक स्व-सीमित बीमारी'
एसोसिएशन ऑफ इंटरनेशनल डॉक्टर्स के महासचिव डॉ अभिषेक शुक्ला ने कहा कि मंकीपॉक्स के अधिकांश रोगियों ने बुखार और चकत्ते और सूजन लिम्फ नोड्स की सूचना दी है और यह संदेह है कि मानव-से-मानव संचरण बड़ी श्वसन बूंदों के माध्यम से होता है। 'हालांकि 22 मई तक भारत में मंकीपॉक्स का कोई मामला नहीं आया है, लेकिन सतर्क रहने की जरूरत है।' मंकीपॉक्स एक स्व-सीमित बीमारी है और इसके लक्षण चार सप्ताह तक रह सकते हैं।
इस बीमारी की इनक्यूबेशन पीरियड 7 से 14 दिन है
यूके, यूएस, यूरोप, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया से मामले सामने आए हैं। इस बीमारी की इनक्यूबेशन पीरियड 7 से 14 दिन है, लेकिन यह 21 दिनों तक बढ़ सकता है। अस्पतालों में आने वाले मरीजों में बुखार व शरीर पर चकत्ते मिलने पर तुरंत मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालयों को सूचित करने के निर्देश दिये गये हैं।
अधिकारियों ने कहा कि प्रभावित देशों से आने वाले लोगों के लक्षण दिखने पर उनकी स्क्रीनिंग के साथ आइसोलेट किया जाएगा। संदिग्ध के संपर्क वाले सभी लोगों की भी स्क्रीनिंग कराई जाए।
क्या है मंकीपॉक्स (What is Monkeypox)
मंकीपॉक्स जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाला वायरस है,इसमें चेचक के रोगियों जैसे लक्षण होते हैं, इसका कोई सटीक इलाज नहीं है, संक्रामक होने के बावजूद इसे कम गंभीर माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह बीमारी जानलेवा नहीं है, इसके बावजूद संक्रमण से बचाव के लिये सावधान रहने की जरूरत है।
क्या हैं लक्षण और कैसे फैलता है मंकीपॉक्स-
- यह संक्रमित जानवर के काटने से या उसके खून, शरीर के तरल पदार्थ या फिर उसको छूने से हो सकता है
- संक्रमित जानवर का मांस खाने से भी मंकी पॉक्स हो सकता है
- मंकी पॉक्स वायरस त्वचा, आंख, नाक या मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है
- शरीर में चकत्ते पड़ जाते हैं, शरीर में छाले निकल आते हैं
- कहा जा रहा है कि ये लक्षण दो से चार हफ्ते रहते हैं
दुनिया के 20 से ज्यादा देशों में मंकीपॉक्स के करीब 200 मामले
WHO ने कहा कि दुनिया के 20 से ज्यादा देशों से मंकीपॉक्स के करीब 200 मामले आए हैं।हालांकि डब्ल्यूएचओ ने साथ ही यह भी कहा कि इस महामारी को 'नियंत्रित' किया जा सकता है और दुनिया भर में उपलब्ध इस बीमारी की दवाओं और टीकों के समान वितरण का प्रस्ताव रखा। डब्ल्यूएचओ के शीर्ष सलाहकार ने कहा था कि यूरोप, अमेरिका, इजराइल, ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों में इस महामारी का प्रसार संभवत: स्पेन और बेल्जियम में हाल ही में हुई रेव पार्टियों के दौरान सेक्स से जुड़ा हुआ है। अगर ऐसा है तो यह मध्य और पश्चिमी अफ्रीका में वायरस के प्रसार के तरीके से बिल्कुल अलग है, जहां मनुष्य में जंगली चूहे और बंदरों आदि से यह बीमारी फैली है।