- पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के एक पत्र ने महाराष्ट्र की सियासत में ला दिया है भूचाल
- इस बीच शिवसेना सांसद संजय राउत ने ट्वीट कर कहा- हमे तो तलाश है नए रास्तों की
- संजय राउत के ट्वीट के निकाले जा रहे हैं कई सियासी मायने
मुंबई: महाराष्ट्र की सियासत में ऐसा तूफान आया है जिसके जल्द थमने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। आरोप सीधे - सीधे राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगे हैं और लगाने वाले हैं मुबंई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह। परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में अनिल देशमुख पर 100 करोड़ की वसूली टारगेट का गंभीर आरोप लगाया है। इन सबके बीच शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने एक ऐसा ट्वीट किया है जिसपर सबका ध्यान आकर्षित हो रहा है।
राउत का ट्वीट
रविवार सुबह संजय राउत ने शुप्रभात लिखते हुए प्रसिद्ध गीतकार, लेखक जावेद अख्तर की एक शायदी को ट्वीट करते हुए लिखा, 'शुभ प्रभात, हमको तो बस तलाश नए रास्तों की है, हम हैं मुसाफिर ऐसे जो मंजिल से आए हैं।' संजय राउत के इस ट्वीट को सियासी संदर्भ में भी देखा जा रहा है। लोग उनसे ट्वीट पर इसे लेकर सवाल भी कर रहे हैं कि आखिर उन्हें कौन से नए रास्तों की तलाश है। वहीं कुछ लोग उन्हें उनके पुराने शेर याद दिला रहे हैं।
शनिवार को कही थी ये बात
इससे पहले संजय राउत ने शनिवार को कहा था कि मनसुख हिरेन की मौत के मामले की जांच एनआईए को सौंपना मुंबई पुलिस या महाराष्ट्र सरकार के लिये झटके की बात नहीं है। राउत ने नासिक में पत्रकारों से कहा, ''विस्फोटक से लदी एसयूवी कार मिलने और मनसुख हिरेन की मौत के मामले की जांच एनआईए को सौंपने की कोई जरूरत नहीं थी। आतंकवाद-रोधी दस्ता और मुंबई पुलिस इन मामलों की जांच करने में सक्षम हैं। बहरहाल, केन्द्र सरकार महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार को घेरने के मौके तलाश रही है। आप चाहें तो सीआईए या केजीबी से इस मामले की जांच करा लें...इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।'
परमबीर सिंह के आरोप
आपको बता दें कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में गृह मंत्री अनिल देशमुख पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सिंह ने कहा देशमुख ने वाजे से कहा था कि उन्होंने बार, रेस्त्राओं और ऐसे ही अन्य प्रतिष्ठानों से हर महीने 100 करोड़ रूपये की वसूली करने का लक्ष्य रखा है। इनमें से आधी रकम शहर में चल रहे 1,750 बार, रेस्त्राओं और ऐसे ही अन्य प्रतिष्ठानों से वसूले जाने हैं।