- शहीद अश्विनी यादव के परिवार को 50 लाख और एक आश्रित को मिलेगी नौकरी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
- 69,000 लोगों का सहायक अध्यापक बनने का रास्ता साफ, सीएम योगी ने दी बधाई
- उत्तर प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं महामारी रोग नियंत्रण अध्यादेश 2020 को मंजूरी
लखनऊ: जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में सीआरपीएफ के जवान अश्विनी कुमार यादव द्वारा दिए गए सर्वोच्च बलिदान को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नमन करते हुए कहा कि शहीद अश्विनी कुमार यादव की शहादत पर पूरे देश को गर्व है। उन्होंने कहा कि 50 लाख रुपये शहीद की पत्नी और माता-पिता को दिए जाएंगे। साथ ही शहीद के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और गांव की सड़क शहीद के नाम पर घोषित की जाएगी।
इसके अलावा सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती के कटऑफ अंक विवाद में बुधवार को आए फैसले का स्वागत किया है।
वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा निर्देशन में उत्तर प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं महामारी रोग नियंत्रण अध्यादेश 2020 को मंजूरी मिल गई है। इसमें अलग-अलग मामले के लिए न्यूनतम तीन महीने की सजा से लेकर उम्रकैद तक की सजा और आर्थिक दंड का प्रावधान किया गया है।
यह जानकारी कोरोना वायरस के संबंध में किए गए प्रेस कांफ्रेंस में अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने दी।
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती के कटऑफ अंक विवाद में बुधवार को आए फैसले का स्वागत किया है। इस फैसले से 69 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के इस आदेश पर अमल करते हुए जल्द ही भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एमएसएमई उद्योगों के संचालन की समीक्षा की
अपर सचिव, गृह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एमएसएमई उद्योगों के संचालन की समीक्षा की। साथ ही राजस्व वृद्धि के लिए हर संभव प्रयास करने का आदेश सीएम योगी ने अधिकारियों को दिए हैं।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश आयुष मंत्रालय ने भी आयुष कवच कोविड नाम से एप बना लिया है। जिसका शुभारंभ सीएम योगी द्वारा किया गया। इस एप को डाउनलोड करने की अपील सीएम योगी ने सभी प्रदेशवासियों से की है।
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के लिए लगातार श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अभी तक 19 से अधिक ट्रेन आ चुकी हैं। बुधवार को भी 9 ट्रेनों के आने की संभावना उन्होंने व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि 38 अन्य ट्रेनों को उत्तर प्रदेश आने के लिए सहमति दे गई है।
उन्होंने बताया कि गैर राज्यों से उत्तर प्रदेश में लोगों की वापसी के लिए यूपी सरकार ने 67 ट्रेनों के परिचालन की कार्यवाही की है। उन्होंने बताया कि गुजरात से 13, महाराष्ट्र से 4, बैंगलोर से 1 ट्रेन आ गई है। साथ ही महाराष्ट्र से 7, पंजाब से 4, तेलंगाना से 2 ट्रेनें भी और आने वाली हैं। केरल के लिए भी अनुमति दे गई है। उड़ीसा, बिहार और झारखंड से भी शीघ्र ही ट्रेने आएंगी।
प्रदेश में अबतक 2969 केस, 58 लोगों की कोरोना से मौत: प्रमुख सचिव स्वास्थ्य
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि प्रदेश में अबतक 2969 केस सामने आए हैं। जिनमें 1831 एक्टिव केस हैं। उपचार के बाद 2969 में से 1080 पेशेंट पूरी तरह स्वस्थ हो गए हैं और उन्हें घर भेज दिया गया है। प्रदेश के 67 जनपद कोरोना से प्रभावित हुए हैं। हालांकि इनमें से 6 जनपद अब कोरोना से मुक्त हो गए हैं।
प्रदेश में कोरोना से 58 लोगों की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि मंगलवार को कोरोना के 3871 सैंपल भेज गए थे, जिसमें पिछले सैंपलों के सहित 4469 सैंपलों की टेस्टिंग की गई।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि मंगलवार को 1247 सैंपलों को मिलाकर 259 सैंपलों का पूल टेस्ट किया गया। जिसमें 19 पूल सैंपल पॉजिटीव मिले। उन्होंने बताया कि पूरे देश में सबसे अधिक सैंपल टेस्ट करने वाली सूची में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर आ गया है। मंगलवार को प्राइवेट और सरकारी लैबों में 1 लाख 5 हजार 501 सैंपलों की जांच की गई है।
आइसोलेशन वार्ड में 1997 लोग हैं, जबकि 11003 लोगों को क्वारंटीन किया गया है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर कोरोना से ठीक होने का औसत 28.71 प्रतिशत जबकि उत्तर प्रदेश का रिकवरी औसत 36.37 प्रतिशत हो गया है।
उत्तर प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं महामारी रोग नियंत्रण अध्यादेश 2020 को मंजूरी मिल गई
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा निर्देशन में उत्तर प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं महामारी रोग नियंत्रण अध्यादेश 2020 को मंजूरी मिल गई है।नए अध्यादेश में स्वास्थ्य और चिकित्सा विभाग से संबंधित सभी कर्मी, पुलिस, स्वच्छता और सरकार द्वारा तैनात किसी भी कोरोना वारियर्स के साथ दुर्व्यवहार या उनपर हमला करने वालों को कठोर दंड देने का कानून है। इस अध्यादेश में सभी अपराध को गैर जमानती बनाया गया है।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि अध्यादेश के अनुसार अगर कोई कोरोना मरीज जानबूझ कर स्वयं को छिपाता है तो उसे 1 वर्ष से लेकर 3 वर्ष की सजा हो सकती है और 50 हजार से एक लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। अगर कोरोना मरीज जानबूझ कर सार्वजनिक परिवहन के माध्यम से यात्रा करता है तो उसके लिए 1 वर्ष से 3 साल तक की सजा और 50 हजार से 2 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।
आइसोलेशन तोड़ने पर भी इस कानून के तहत सजा और जुर्माना दोनों
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि अध्यादेश के अनुसार आइसोलेशन तोड़ने पर भी इस कानून के तहत एक से तीन साल की सजा और 10 हजार से लेकर एक लाख तक जुर्माना भी होगा। चिकित्सकों, सफाई कर्मियों, पुलिस कर्मियों एवं किसी भी कोरोना वारियर्स के काम में बाधा डालने और हमला करने पर कम से कम तीन माह और अधिकतम 5 साल तक की सजा के साथ ही 50 हजार से 2 लाख तक जुर्माना होगा। गंभीर हमला करने पर 6 महीने से 7 साल की सजा और एक लाख से लेकर पांच लाख रुपये तक जुर्माना होगा।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि अध्यादेश के अनुसार प्रदेश में दो समितियां बनेंगी। पहली राज्य स्तर पर जबकि दूसरी जिला स्तर पर महामारी नियंत्रण समिति बनेगी। राज्य स्तर की समिति का अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे और स्वास्थ्य मंत्री उपाध्यक्ष होंगे। जबकि मुख्य सचिव सहित सात अन्य अधिकारी सदस्य होंगे। इसके अलावा जिला स्तर की समिति का अध्यक्ष जिलाधिकारी होंगे और मुख्य विकास अधिकारी को सदस्य संयोजक बनाया गया है।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने बताया इस नए अध्यादेश के अनुसार अगर कोई मरीज जानबूझ कर किसी दूसरे व्यक्ति को संक्रमित करता है और उस व्यक्ति की मौत हो जाती है तो उक्त मरीज को सात साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है। साथ ही 3 लाख से लेकर 5 लाख तक का जुर्माना भी होगा।
उन्होंने बताया कि 5 या 5 से अधिक लोगों को संक्रमित करने पर 3 साल से लेकर 10 साल तक की सजा और 3 लाख से लेकर 5 लाख तक का आर्थिक दंड का प्रावधान है।