- अयोध्या में भूमि पूजन से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हनुमानगढ़ी में विशेष पूजा-अर्चना करेंगे
- पीएम मोदी हनुमानगढ़ी के दर्शन करने वाले और श्री राम जन्मभूमि पर पधारने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री होंगे
- हनुमान को रामद्वार के रखवाले कहा जाता है, मान्यता है कि भगवान राम से जुड़े कार्यों के लिए उनकी अनुमति आवश्यक है
नई दिल्ली/अयोध्या : अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर भूमि पूजन कार्यक्रम की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिलान्यास कार्यक्रम के लिए अयोध्या रवाना हो चुके हैं। अयोध्या में भूमि पूजन से पहले प्रधानमंत्री हनुमानगढ़ी में विशेष पूजा-अर्चना करेंगे और भगवान हनुमान का आशीर्वाद लेने के बाद ही राम मंदिर के लिए आधारशिला रखेंगे।
पीएम मोदी जहां हनुमानगढ़ी के दर्शन करने वाले देश के प्रथम प्रधानमंत्री होंगे, वहीं वह श्री राम जन्मभूमि पर पधारने वाले भी देश के पहले प्रधानमंत्री होंगे। हनुमानगढ़ी में विशेष पूजा-अर्चना के बाद पीएम मोदी राम जन्मभूमि परिसर पहुंचेंगे और फिर रामलला विराजमान के दर्शन-पूजन कर भूमि पूजन कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। इस अवसर पर वह रामलला परिसर में पारिजात का पौधा रोपण भी करेंगे।
हनुमानगढ़ी से जुड़ी ये है प्रचलित मान्यता
दरअसल, हनुमान को रामद्वार के रखवाले कहा जाता है और ऐसी मान्यता है कि भगवान राम से जुड़े कार्यों के लिए उनकी अनुमति बेहद आवश्यक है। यही वजह है कि यहां 4 अगस्त को विधिवत निशान पूजन भी की गई। ऐसी मान्यता भी है कि हनुमान की भक्ति से प्रसन्न होकर कभी श्रीराम ने ही कहा था कि जो भी भक्त उनके दर्शन के लिए अयोध्या पहुंचेगा, उसे पहले हनुमान के दर्शन व पूजन करने होंगे।
इससे पहले हनुमानगढ़ी के मुख्य पुजारी महंत राजू दास ने कहा था कि यहां पीएम मोदी के आगमन पर विशेष पूजा की व्यवस्था की गई है। प्रधानमंत्री के आगमन, पूजन व प्रस्थान को लेकर उन्हें 7 मिनट का समय दिया गया है, जिसमें करीब 3 मिनट की विशेष पूजा होगी। पीएम मोदी के अयोध्या दौरे को देखते हुए यहां सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं और ड्रोन कैमरों से भी विशेष निगरानी की जा रही है।