बेतिया: बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के लौरिया तथा रामनगर प्रखंड में जहरीली शराब पीने से हुई संदिग्ध मौत के बाद सजग जिला प्रशासन और पुलिस अब लगातार कार्रवाई में जुटी है। इस मामले में अब तक 16 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।इस बीच, जहरीली शराब घटना मामले में लौरिया थाना के प्रभारी एसएचओ और तीन चौकीदारों को निलंबित करते हुए थाना के सभी अधिकारियों और कर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है।
चंपारण प्रक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक ललन मोहन प्रसाद ने बताया कि इस मामले में अब तक 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए भी छापेमारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।इधर, इस मामले में शिथिलता एवं लापरवाही बरतने को लेकर पश्चिम चंपारण के जिलाधिकारी कुंदन कुमार द्वारा अधीक्षक, मद्यनिषेध विभाग एवं निरीक्षक मद्यनिषेध, बगहा अनुमंडल को कारण बताओ पूछा गया है।
जांच टीम बनाकर लगातार मृतकों के घरों में जाकर परिजनों से पूछताछ की जा रही है
पुलिस अधिकारी ने बताया कि संदिग्ध मौत के मामले में जांच टीम बनाकर लगातार मृतकों के घरों में जाकर परिजनों से पूछताछ की जा रही है उन्होंने बताया कि जांच के क्रम में 12 व्यक्तियों के परिवारजनों ने लिखित बयान देकर जहरीली शराब पीने की पुष्टि की है एवं इससे तबियत बिगड़ जाने से मौत की बात बतायी है।इधर, जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने बताया, "संबंधित गांव में मेडिकल टीम कार्य कर रही है। मामले में जो भी दोषी होंगे उनके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। किसी को बख्शा नहीं जायेगा। हर तरह के साक्ष्य जुटाये जा रहे हैं, जिससे दोषियों को सजा दिलायी जा सके।"
तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार सरकार पर निशाना साधा
बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इस घटना को लेकर नीतीश कुमार सरकार पर निशाना साधा है।तेजस्वी ने शनिवार को कहा "सीएम नीतीश कुमार बिहार में शराब माफिया के संरक्षक हैं। वह शराब माफिया को बिहार में तस्करी, व्यापार और बिक्री की अनुमति देते रहे हैं और उनकी पुलिस कथित मामलों में गरीब और निर्दोष लोगों परोममले दर्ज करती है। वे गरीब और दलित लोगों को बिहार की जेलों में डाल रहे है।"
कांग्रेस नेता और बिहार के प्रभारी भक्त चरण दास ने बेतिया शराब घटना की 'समानांतर जांच' शुरू करने का फैसला किया है।
ग्रामीणों का आरोप है कि यहां खुलेआम शराब का धंधा चल रहा था
इधर, ग्रामीणों का कहना है कि घटना के पूर्व अगर पुलिस और मद्य निषेध चौकस होती तो यह घटना नहीं घटती। ग्रामीणों का आरोप है कि यहां खुलेआम शराब का धंधा चल रहा था।राज्य के एक सुदूर गांव में दो दिनों में कम से कम 16 लोगों की मौत हुई है और संदेह है कि प्रदेश में यह घटना जहरीली शराब के कारण हुई है। गौरतलब है कि राज्य में पिछले छह वर्षों से शराबबंदी है। पश्चिम चम्पारण जिला प्रशासन की ओर से जारी बयान के अनुसार, मृतकों में से सिर्फ चार लोगों के परिजन ने मौत से पहले उनके शराब पीने की पुष्टि की है।
परिवार वालों की ओर से दिए गए दस्तावेजों के अनुसार, दो लोगों की मौत का कारण बीमारी प्रतीत होता है, जबकि बाकी 10 लोगों के परिजन ने उनकी मौत के कारणों के बारे में कुछ नहीं कहा है।सभी मौतें लौरिया थाना क्षेत्र के देउरवा गांव में हुई हैं। आठ लोगों की मौत बृहस्पतिवार को हुई और शुक्रवार को भी इतने ही लोगों की मौत हुई।
प्रशासन द्वारा जारी बयान के अनुसार, जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने गांव के लोगों से इस मामले में बिना डरे सूचनाएं साझा करने का अनुरोध किया है।